उत्तराखंड देहरादूनUttarakhand CM Tirath Singh Rawat's statement on strike

उत्तराखंड: कोरोना काल में जरूरी सेवाओं के कर्मचारी अगर हड़ताल पर गए..तो जाएगी नौकरी

स्वास्थ्य समेत जरूरी सेवाओं के कर्मचारी हड़ताल पर गए तो उनकी सेवाएं समाप्त कर दी जाएंगी। इनकी जगह नए लोगों को नौकरी दी जाएगी। पढ़िए पूरी खबर

Coronavirus in uttarakhand: Uttarakhand CM Tirath Singh Rawat's statement on strike
Image: Uttarakhand CM Tirath Singh Rawat's statement on strike (Source: Social Media)

देहरादून: प्रदेश में गाहे-बगाहे हड़ताल पर चले जाने वाले कर्मचारियों को राज्य सरकार ने कड़ा संदेश दिया है। अब अगर जरूरी सेवाओं के कर्मचारी हड़ताल पर गए तो सरकार उनसे सख्ती से निपटेगी। यही नहीं इन कर्मचारियों को अपनी नौकरी तक गंवानी पड़ सकती है। हड़ताल और आंदोलन करने वाले कर्मचारियों को सेवा से हटाकर नई नियुक्तियों की कार्यवाही शुरू की जाएगी। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं। इसके तहत चिकित्सा और जरूरी सेवाओं से जुड़े कर्मचारी हड़ताल या आंदोलन करते हैं तो उन पर आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत तत्काल कार्रवाई की जाएगी। प्रदेश इस वक्त किस कदर संकट के दौर से गुजर रहा है, आप देख ही रहे हैं। ऐसे वक्त में भी कई संगठनों के कर्मचारी अपनी मांगें मनवाने के लिए हड़ताल का सहारा ले रहे हैं। ऐसे लोगों से राज्य सरकार अब सख्ती से निपटेगी।

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कोविड-19 महामारी को देखते हुए चिकित्सा एवं आवश्यक सेवाओं के अन्तर्गत कार्यरत कोई भी कर्मचारी हड़ताल या आन्दोलन करता है तो उसके खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम की धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि स्वास्थ्य और आवश्यक सेवाओं में कार्यरत सभी कर्मचारियों से अपेक्षा है कि इस संकट काल में अपने दायित्वों का ईमानदारी से पालन करें। बता दें कि प्रदेश में पिछले कई दिनों से उपनल कर्मचारी भी हड़ताल पर थे। रविवार को देहरादून में उपनल कर्मचारियों ने हड़ताल खत्म करने की घोषणा कर दी, लेकिन हल्द्वानी में एसटीएच और मेडिकल कॉलेज के उपनल कर्मचारियों की हड़ताल 25वें दिन भी जारी रही। कर्मचारियों की हड़ताल के बीच एसटीएच में तेजी से बढ़ रहे कोरोना मरीजों के चलते व्यवस्थाएं बेपटरी हो चुकी हैं। उपनल कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से व्यवस्था पहले ही चरमरा गई है, और अब एएनएम ने एसीपी और पदोन्नति समेत अन्य मांगों को लेकर 21 अप्रैल से हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है। मुख्यमंत्री ने हड़ताली कर्मचारियों पर सख्त रुख अपनाते हुए मुख्य सचिव ओमप्रकाश को इस संबंध में नियुक्ति निरस्त करने संबंधी कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं।