चमोली: उत्तराखंड के सीमांत जिले चमोली को न जाने किसकी बुरी नजर लग गई है। फरवरी में यहां नीती घाटी में ग्लेशियर टूटने के बाद जमकर तबाही मची थी। हादसे में सैकड़ों लोगों की जान चली गई, कई शव अब तक नहीं मिले हैं। ये जिला किसी तरह आपदा के दंश से उबर ही रहा था कि अब सुमना में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के कैंप के पास ग्लेशियर टूटने की घटना हुई है। ग्लेशियर टूटकर मलारी-सुमना सड़क पर आ गया। बीती रात तक किसी तरह के जान-माल का नुकसान न होने की बात कही जा रही थी, लेकिन ताजा रिपोर्ट के मुताबिक घटनास्थल से 8 शव बरामद कर लिए गए हैं। हादसे को लेकर सीएम तीरथ सिंह रावत ने अलर्ट जारी किया है। गृह मंत्री ने भी मामले का संज्ञान लेते हुए बचाव अभियान तेज करने के निर्देश दिए हैं। बीआरओ के कमांडर कर्नल मनीष कपिल ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि जिस स्थान पर यह घटना हुई, वहां आसपास बीआरओ के मजदूर सड़क निर्माण कार्य में जुटे हुए थे। जिस जगह हादसा हुआ है, वहां मौसम खराब बना हुआ है, जिस वजह से राहत और बचाव कार्य में दिक्कतें आ रही हैं। वायरलेस सेट भी काम नहीं कर रहे हैं।
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भूस्खलन की वजह से 4 से 5 जगहों पर सड़क का कटाव हुआ है। बीआरटीएफ की टीमें सुमना तक की रोड को साफ करने के लिए काम कर रही हैं। पूरे रास्ते को साफ करने में 6 से 8 घंटे लग सकते हैं। बीआरओ कैंप में हिमस्खलन की चपेट में आने से अब तक 384 लोगों को बचाया गया है। एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक मौके से 8 डेड बॉडी भी रिकवर हुई हैं। पिछले तीन दिनों से नीती घाटी में जमकर बर्फबारी हो रही है. मलारी से आगे जोशीमठ-मलारी हाईवे भी बर्फ से ढक गया है, जिससे सेना और आईटीबीपी के वाहनों की आवाजाही भी बाधित हो गई है। डीजीपी अशोक कुमार के मुताबिक खराब मौसम के कारण अभी सही स्थिति की जानकारी नहीं मिल पा रही है। टीमों को स्थिति का जायजा लेने के लिए रवाना कर दिया गया है। आईटीबीपी के जवान सुरक्षित हैं।