उत्तराखंड देहरादूनSDRF Jawan Deepak Pant donated plasma twice

सलाम दीपक पंत..SDRF के इस जांबाज ने 1 महीने में 2 बार किया प्लाज्मा का महादान

दीपक पंत कोरोना से रिकवर होकर अब संक्रमित मरीजों को प्लाज्मा देकर उनको नया जीवनदान दे कर समाज में इंसानियत की जीती-जागती मिसाल पेश कर रहे हैं।

Deepak Pant SDRF: SDRF Jawan Deepak Pant donated plasma twice
Image: SDRF Jawan Deepak Pant donated plasma twice (Source: Social Media)

देहरादून: कोरोना के कारण परिस्थितियां बेकाबू होती दिखाई दे रही हैं। आए दिन लोग प्रदेश में ऑक्सीजन और इलाज ना मिलने के कारण दम तोड़ रहे हैं। दिल दहला देने वाली तस्वीरें सामने आ रही है। मगर एकता में ही शक्ति है और एकता के बल पर कठिन से कठिन लड़ाई जीती जा सकती है। प्रदेश के लोग हिम्मत के साथ इस मुसीबत का सामना कर रहे हैं और एक-दूसरे की मदद के लिए आगे आ रहे हैं। इस मुश्किल वक्त में प्रदेश के पुलिस जवान भी जीवन रक्षक की अहम भूमिका निभा रहे हैं और दूसरों को उम्मीद दे रहे हैं। उत्तराखंड के पुलिस जवान समाज में यह मिसाल पेश कर रहे हैं कि कोरोना का मुकाबला हम सबको मिल-जुलकर करना है। वे यह साबित कर रहे हैं कि इंसानियत लोगों के दिलों से खत्म नहीं हुई है। चाहे वो किसी को ऑक्सीजन उपलब्ध कराना हो, अस्पताल पहुंचाना हो या प्लाज्मा डोनेट करना हो, उत्तराखंड के पुलिसकर्मी लगातार आगे आ रहे हैं और दूसरों की मदद कर रहे हैं।

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प्लाज्मा डोनेट करना आज के समय में कितना जरूरी है यह सबको पता है। किसी को नया जीवन दान देने से बड़ा पुण्य आखिर क्या हो सकता है। मुश्किल के इस दौर में प्लाज्मा थेरेपी बेहद जरूरी है। प्लाजमा थेरेपी कोरोना से जूझ रहे लोगों के लिए जीवन दान साबित हो रही है। जिन मरीजों की हालत खराब है उनको प्लाजमा थेरेपी के जरिए नया जीवन मिल रहा है। ऐसे में उत्तराखंड के पुलिसकर्मी बढ़-चढ़कर प्लाज्मा डोनेट कर रहे हैं और इंसानियत की जीती-जागती मिसाल पेश कर रहे हैं। आज हम आपका परिचय प्रदेश के एक ऐसे ही ही कोरोना वॉरियर से करवाने जा रहे हैं जो कोरोना काल की शुरुआत से ही लोगों की सेवा में जुटे हुए हैं और अब संक्रमित मरीजों को प्लाज्मा देकर उनको नया जीवनदान दे रहे हैं। हम बात कर रहे हैं उत्तराखंड पुलिस के एसडीआरएफ के जवान और चमोली जिले से ताल्लुक रखने वाले दीपक पंत की जो महीने में दो बार प्लाज्मा डोनेट कर लोगों की जान बचा रहे हैं और इंसानियत की जीवंत मिसाल पेश कर रहे हैं। एसडीआरएफ कोरोना काल की शुरुआत से ही बचाव एवं राहत कार्यो में जुटा हुआ है और लोगों की लगातार मदद कर रहा है। एसडीआरएफ के जवान लगातार सामने आ रहे हैं और प्लाज्मा डोनेट कर समाज में उदाहरण पेश कर रहे हैं।

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एसडीआरएफ के जवान दीपक पंत 1 महीने में दो बार प्लाज्मा डोनेट कर कोरोना वॉरियर बन गए हैं। आपको बता दें कि दीपक इस महामारी की शुरुआत से ही अनेक अभियानों का हिस्सा बने हुए हैं और लोगों की मदद कर रहे हैं। लोगों की मदद करने के बीच वे स्वयं इस संक्रमण की चपेट में आ गए मगर वे ठीक हुए और रिकवर होने के बाद अब वे अपना प्लाज्मा महीने में दो बार जरूरतमंद लोगों को दे रहे हैं जिससे लोगों की जान बच रही है। दीपक पंत मूल रूप से चमोली जिले के रहने वाले हैं। वे 2006 में उत्तराखंड पुलिस में भर्ती हुए थे और 2014 से एसडीआरएफ का हिस्सा हैं।वे पिछले वर्ष रेस्क्यू अभियान के दौरान संक्रमण की चपेट में आ गए थे और अब संक्रमण से ठीक होने के बाद वे जरूरतमंदों को प्लाज्मा डोनेट कर रहे हैं। उन्होंने बीती 15 अप्रैल को एक युवक की जान बचाने के लिए प्लाज्मा डोनेट किया था और अब एक फिर से एक जिंदगी को बचाने की कोशिश में वे प्लाज्मा डोनेट कर रहे हैं। दीपक पंत जैसे कई पुलिसकर्मी ऐसे हैं जो कि इस मुश्किल घड़ी में जरूरतमंदों को प्लाज्मा डोनेट कर इंसानियत की मिसाल पेश कर रहे हैं। प्लाजमा डोनेशन को लेकर राज्य सरकार के स्तर पर भी कई जागरूकता अभियान चलाए गए हैं। इसलिए हमारी कोरोना को मात दे चुके उन सभी लोगों से अपील है कि वे आगे आएं और निडर होकर जरूरतमंद उनको प्लाज्मा डोनेट करें उनको नया जीवनदान प्रदान करें।