उत्तराखंड पिथौरागढ़Stones pelting of villagers in Pithoragarh

पहाड़ से शर्मनाक खबर: कोरोना संक्रमित के दाह संस्कार पर ग्रामीणों का पथराव..बुलानी पड़ी फोर्स

पिथौरागढ़ जिले के तीतरी में काली नदी किनारे एक कोरोना संक्रमित के दाह संस्कार पर आए लोगों के ऊपर ग्रामीणों ने पथराव करना शुरू कर दिया और वहां जमकर हाथापाई हुई।

Pithoragarh News: Stones pelting of villagers in Pithoragarh
Image: Stones pelting of villagers in Pithoragarh (Source: Social Media)

पिथौरागढ़: उत्तराखंड के पिथौरागढ़ से एक चौंका देने वाला मामला सामने आया है। पिथौरागढ़ जिले के तीतरी में काली नदी किनारे एक कोरोना संक्रमित के अंतिम संस्कार पर ग्रामीणों ने पथराव करना शुरू कर दिया। दरअसल संक्रमित के अंतिम संस्कार पर उनके शवदाह के लिए आए लोगों पर ग्रामीणों ने अचानक ही पत्थर बरसाने शुरू कर दिए जिसके बाद वहां बवाल मच गया। दोनों पक्षों के बीच जमकर मारपीट हुई। अब इसका कारण भी जान लीजिए। कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए ग्रामीण नहीं चाहते थे कि उनके गांव के पास किसी संक्रमित का अंतिम संस्कार हो। इसी बात को लेकर ग्रामीणों ने शवदाह के लिए आए लोगों के ऊपर जमकर पथराव करने शुरू कर दिया जिसके वहां बवाल मच गया। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच में जमकर हाथापाई भी हो गई। पुलिस द्वारा किसी तरह मामले को शांत करवाया गया। दरअसल कनालीछीना के नजदीक ख्वांकोट के 97 वर्षीय बुजुर्ग की हाल ही में कोरोना के कारण मृत्यु हो गई थी। आगे पढ़िए

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प्रशासन ने तीतरी गांव के नजदीक काली नदी के किनारे कनालीछीना विकासखंड के कोरोना संक्रमितों के अंतिम संस्कार के लिए स्थल चिन्हित किया है और यहीं पर सभी मृतकों का शवदाह किया जाता है। बुजुर्ग की मृत्यु के बाद उनको भी अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया मगर तीतरी एवं स्यालतड़ के ग्रामीण गांव के पास अंतिम संस्कार होता देख भड़क गए। इसके बाद उन्होंने विरोध करना शुरू कर दिया और सभी ग्रामीण वहां पर अंतिम संस्कार करने से मना करने लगे। मगर उसके बावजूद भी प्रशासन एवं शवदाह में शामिल हुए लोगों ने अंतिम संस्कार को जारी रखा जिसके बाद ग्रामीण आक्रोशित हो गए और अंतिम संस्कार रोकने के लिए प्रशासन की टीम एवं अन्य लोगों पर पत्थर बरसाने शुरू कर दिए। बवाल मचने के दौरान वहां पर हाथापाई भी शुरू हो गई। ग्रामीणों के गुस्से और आक्रोश को देखते हुए परिस्थितियां संभालना मुश्किल हो गया जिसके बाद तहसीलदार मनीषा बिष्ट ने थाने से पुलिस की टीम को बुलाया। पुलिस की टीम वहां पर मौके पर पहुंची और मुश्किल से ग्रामीणों को समझा-बुझाकर पुलिस की मौजूदगी में बुजुर्ग का अंतिम संस्कार करवाया।

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ग्रामीणों का कहना है कि गांव के नजदीक संक्रमित शवों का अंतिम संस्कार करने से गांव में भी यह संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जाता है। उन्होंने कहा कि आस-पास के गांवों में भी संक्रमण काफी अधिक फैला हुआ है ऐसे में अंतिम संस्कार करना खतरे से खाली नहीं है इसलिए तीतरी गांव के लोग चाहते हैं कि उनके गांव के पास संक्रमित शवों का अंतिम संस्कार ना हो ताकि गांव के लोग इस संक्रमण से बचे रहें। आपको बता दें कि तीतरी में जब कोरोना संक्रमित बुजुर्ग के अंतिम संस्कार का विरोध हो रहा था और तीतरी एवं स्यालतड़ के ग्रामीण उनके ऊपर पत्थर बरसा रहे थे तब काली नदी के पार नेपाल के लोगों ने भी शोर मचा कर विरोध करना शुरू कर दिया था। वहीं कनालीछीना की तहसीलदार मनीषा बिष्ट का कहना है कि संक्रमित शवों के अंतिम संस्कार के लिए काली नदी के किनारे का स्थान ही निर्धारित किया गया है और यही पर इस क्षेत्र के लोगों का अंतिम संस्कार किया जाता है मगर ग्रामीणों द्वारा इस बात का विरोध किया जाता है। हाल ही में विरोध करने के दौरान उन्होंने पत्थरबाजी शुरू कर दी जिसके बाद अतिरिक्त फोर्स बुलानी पड़ी। पथराव करने वाले लोगों के खिलाफ कार्यवाही करने के लिए अस्कोट थाने को निर्देशित कर दिया गया है।