उत्तराखंड देहरादूनNikita Dhoundiyal became a lieutenant in the Indian Army

उत्तराखंड शहीद मेजर विभूति को सच्ची श्रद्धांजलि, सेना में लेफ्टिनेंट बनी पत्नी निकिता..देखिए वीडियो

शादी के सिर्फ 10 महीने बाद ही पति को खोने पर भी नीतिका ने अपनी की हिम्मत बनाए रखी। उन्होंने खुद को टूटने नहीं दिया। आज नीतिका सेना में अफसर बन गई हैं।

Nikita Dhoundiyal: Nikita Dhoundiyal became a lieutenant in the Indian Army
Image: Nikita Dhoundiyal became a lieutenant in the Indian Army (Source: Social Media)

देहरादून: उत्तराखंड के लिए गर्व से भर देने वाली एक तस्वीर ओटीए, चेन्नई से आई है। यहां शहीद मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल की पत्नी नीतिका ढौंडियाल आज विधिवत रूप से सेना में अफसर बन गईं। कड़ी ट्रेनिंग के बाद वह वह इंडियन आर्मी में लेफ्टिनेंट बन गई हैं। शनिवार को ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी में आयोजित पासिंग आउट परेड के बाद लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी ने उनके कंधे पर सितारे लगाकर उनको बधाई दी। साल 2019 में पुलवामा में आतंकियों संग हुए एनकाउंटर में देहरादून के रहने वाले मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल शहीद हो गए थे। तब उनकी पत्नी नीतिका कौल के साथ उनकी आखिरी मुलाकात ने सभी की आंखें नम कर दी थीं। शादी के सिर्फ 10 महीने बाद ही पति को खोने पर भी नीतिका ने खुद की हिम्मत बनाए रखी। उन्होंने खुद को टूटने नहीं दिया। आगे देखिए वीडियो

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आज सेना में अफसर बन नीतिका ने साबित कर दिया कि हौसला, जज्बा, लगन और मेहनत की बदौलत इंसान सारी बाधाओं पर विजय पा सकता है। ओटीए चेन्नई में अंतिम पग पार करते ही नीतिका ढौंडियाल का सपना आखिरकार पूरा हो गया। अब वो शहीद पति की तरह देश की सेवा करेंगी। लेफ्टिनेंट नीतिका ने पिछले साल इलाहाबाद में वूमेन एंट्री स्कीम की परीक्षा पास की थी। परीक्षा पास करने के बाद उन्होंने चेन्नई की ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी से ट्रेनिंग ली। शनिवार को वो ट्रेनिंग पूरी कर सेना में शामिल हो गईं। 8 फरवरी 2019 में आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद होने वाले मेजर विभूति ढौंडियाल का परिवार मूल रूप से पौड़ी गढ़वाल के बैजरों के पास स्थित ढौंड गांव का रहने वाला है। उनका परिवार 1952 में देहरादून में बस गया था। विभूति के पिता और दादा दोनों ही राजपुर रोड स्थित एयरफोर्स के सीडीए कार्यालय से सेवानिवृत्त हुए थे। आगे देखिए वीडियो

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तीन बहनों में सबसे छोटे 34 साल के मेजर विभूति शादी के महज 10 महीने बाद ही देश के लिए लड़ते हुए शहीद हो गए थे। पति की शहादत के बाद नीतिका ने भी सेना में जाने की ठानी और आखिरकार अपने सपने को सच करने में कामयाब रहीं। परिजनों के मुताबिक हालात सामान्य होने पर वह उत्तराखंड की राजधानी देहरादून आएंगी।

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