पिथौरागढ़: मानसून के दस्तक देते ही पहाड़ी जिलों में एक बार फिर आपदा जैसे हालात नजर आने लगे हैं। चमोली से लेकर चंपावत तक बारिश ने जमकर तबाही मचाई है। अनहोनी की आशंका से लोग डरे हुए हैं। डराने वाली ऐसी ही कुछ तस्वीरें सीमांत जिले पिथौरागढ़ और बागेश्वर से आई हैं। पहले बागेश्वर की बात करते हैं, जहां 18 ग्रामीण सड़कों पर आवाजाही पूरी तरह बंद हो गई है। यहां कौसानी रोड पर पेड़ गिरने से वाहन चालक 3 घंटे तक सड़क पर फंसे रहे। भूस्खलन और पेड़ गिरने से बिजली लाइनों को भारी नुकसान हुआ है। जिलेभर में विद्युत व्यवस्था ठप पड़ गई है। यहां मालता में सस्ता गल्ला दुकान के ऊपर चीड़ का विशाल पेड़ गिर गया। शुक्र है कि घटना के वक्त मौके पर कोई मौजूद नहीं था, वरना बड़ी अनहोनी हो जाती। बारिश की वजह से गोमती और सरयू नदी उफनाई हुई हैं। 9 घंटे से लगातार बारिश हो रही है, जिससे कई जगह भूस्खलन भी हुआ है। पोल और तारों पर पेड़ गिरने की वजह से ऊर्जा निगम को शटडाउन लेना पड़ा। जिस वजह से पूरे जिले में बिजली की आपूर्ति घंटों बाधित रही। यहां कपकोट-कर्मी, धपोली-जेठाई, कौसानी भतेड़िया, मथुरो-पाटली और सिरलोनी-लोहागढ़ी समेत करीब 18 सड़कें बंद हैं।
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यही हाल पिथौरागढ़ जिले का भी है। यहां काली नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। शुक्रवार को नदी का जलस्तर चेतावनी स्तर 889.00 मीटर से अधिक 889.60 मीटर के करीब पहुंच गया। खतरे को देखते हुए जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को अलर्ट रहने को कहा है। उन्होंने अधिकारियों को खतरे की जद में आने वाले गांवों और भवनों में रह रहे लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाने के निर्देश दिए। नदी किनारे और पुलों पर आवाजाही को प्रतिबंधित किया गया है। डीएम ने कहा कि इसी तरह गोरी नदी और रामगंगा नदी के जलस्तर पर भी नजर रखी जा रही है। जलस्तर बढ़ने पर लाउडस्पीकर के माध्यम से लोगों को सूचित करने और सुरक्षात्मक कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। बात करें मौसम की तो आज राज्य के पिथौरागढ़, नैनीताल, चंपावत, चमोली, बागेश्वर, अल्मोड़ा और ऊधमसिंहनगर जैसे जिलों में भारी बारिश की संभावना है। मौसम विभाग ने इन जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है।