उत्तराखंड देहरादूनDilraj Kaur is running a roadside shop in Dehradun

देहरादून: सड़क पर नमकीन, बिस्किट बेचने को मजबूर इंटरनेशनल पैरालंपिक शूटर!

कभी शूटिंग रेंज में निशानेबाजी करने वाली दिलराज कौर आज देहरादून की सड़कों पर खाने-पीने का सामान बेचती नजर आती हैं। भगवान ऐसे दिन किसी को न दिखाए।

Dilraj Kaur: Dilraj Kaur is running a roadside shop in Dehradun
Image: Dilraj Kaur is running a roadside shop in Dehradun (Source: Social Media)

देहरादून: देश की पहली दिव्यांग निशानेबाज दिलराज कौर मुश्किलभरे दौर से गुजर रही हैं। दिलराज कौर की गिनती देश के हुनरमंद निशानेबाजों में होती है। उन्होंने पैरालंपिक शूटिंग में राष्ट्रीय स्तर पर 24 स्वर्ण पदक जीते। अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में एक रजत पदक भी अपने नाम किया। हर खिलाड़ी की तरह दिलराज कौर के जीवन में भी एक शानदार दौर आया, लेकिन हमेशा मजबूत बनी रहने वाली दिलराज आज गरीबी और लाचारी के आगे बेबस नजर आ रही हैं। कभी शूटिंग रेंज में निशानेबाजी करने वाली दिलराज कौर आज देहरादून की सड़कों पर खाने-पीने का सामान बेचती नजर आती हैं। निशानेबाज दिलराज कौर पारिवारिक संकट के कारण मुश्किल हालात में है। कुछ समय पहले उनके पिता का निधन हो गया था और अब भाई भी नहीं रहा। आर्थिक संकट गहराने पर दिलराज मजबूरी में अपनी मां के साथ खाने-पीने का सामान बेच रहीं हैं, ताकि उनके घर का खर्च चल सके। दिलराज ने बताया कि उनके पिता गंभीर रूप से बीमार थे। पिता के इलाज में लाखों रुपये खर्च हुए। इलाज के बाद भी वो बच नहीं सके। आगे पढ़िए

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कुछ समय पहले एक हादसे में उनका भाई घायल हो गया था। भाई के इलाज में भी काफी खर्चा आया, लेकिन बाद में भाई की भी मौत हो गई। पिता और भाई के इलाज में उनकी सारी जमापूंजी खर्च हो चुकी है। मुसीबत के वक्त में उन्हें सीएम विवेकाधीन कोष से मदद मिली थी। कई समाजसेवियों ने भी मदद की, लेकिन परिवार पर अब भी काफी कर्जा है। बता दें कि देहरादून की रहने वाली दिलराज कौर भले ही पैरों से दिव्यांग हैं, लेकिन निशानेबाजी में उनका कोई सानी नहीं। ग्रेजुएशन की पढ़ाई के दौरान वो शूटिंग की ट्रेनिंग लेने लगी थीं। साल 2004 में उन्होंने तीसरी उत्तरांचल स्टेट शूटिंग चैंपियनशिप में 10 मीटर एयर पिस्टल का स्वर्ण पदक जीता। इसी के साथ दिलराज के खेल करियर की शुरूआत हो गई। अंतराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर कई मेडल जीतने के अलावा वर्ल्ड पैरा स्पोर्ट्स में पहली सर्टिफाइड कोच और स्पोर्ट्स एजुकेटर जैसी कई उपलब्धियां भी दिलराज कौर के साथ जुड़ी हुई हैं। दिलराज ने कहा कि सरकार को उनकी उपलब्धियों को ध्यान में रखते हुए उन्हें सरकारी नौकरी देनी चाहिए। ताकि वो अपने परिवार का भरण-पोषण कर सकें।