उत्तराखंड देहरादूनNew rules for making driving license from July 1

उत्तराखंड: ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने वालों के लिए अच्छी खबर..1 जुलाई से नए नियम लागू

अब ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आरटीओ के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे, न ही ड्राइविंग टेस्ट देने की जरूरत पड़ेगी। एक जुलाई से देशभर में ड्राइविंग लाइसेंस के नए नियम लागू होने जा रहे हैं।

Driving License Uttarakhand: New rules for making driving license from July 1
Image: New rules for making driving license from July 1 (Source: Social Media)

देहरादून: ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने वालों के लिए अच्छी खबर है। ऐसे लोगों को अब ड्राइविंग लाइसेंस के लिए किसी आरटीओ में जाकर ड्राइविंग टेस्ट देने की जरूरत नहीं होगी। रोड ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री ने ड्राइविंग लाइसेंस के लिए नए रूल को नोटिफाई कर दिया है। एक जुलाई से देशभर में ड्राइविंग लाइसेंस के नए नियम लागू हो जाएंगे। इस नए नियम में क्या खास है और ये आपके लिए कितना फायदेमंद है, यह जानने के लिए राज्य समीक्षा के साथ बने रहें। नए नियम के मुताबिक, अब आप ड्राइविंग लाइसेंस के लिए किसी भी मान्यता प्राप्त ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल में रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। यहां से ट्रेनिंग पूरी करने और टेस्ट पास करने के बाद आपको ड्राइविंग लाइसेंस जारी कर दिया जाएगा। जिन लोगों ने टेस्ट पास किया होगा, उन्हें लाइसेंस के लिए अप्लाई करते वक्त आरटीओ में होने वाले ड्राइविंग टेस्ट से मुक्त रखा जाएगा। यानी ऐसे लोगों को आरटीओ जाकर ड्राइविंग टेस्ट नहीं देना होगा। प्राइवेट ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर की तरफ से जो सर्टिफिकेट जारी होगा, उसके आधार पर ड्राइविंग लाइसेंस जारी कर दिया जाएगा। खास बात ये है कि ड्राइविंग लाइसेंस ट्रेनिंग और उसके टेस्ट से जुड़ी हर प्रक्रिया पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिकली रिकॉर्ड की जाएगी। आगे पढ़िए

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इन प्रशिक्षण केंद्रों की मान्यता पांच साल के लिए होगी, इसके बाद उन्हें सरकार से नवीनीकरण करवाना होगा। नए नियम सिर्फ उन्हीं निजी ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर्स को काम करने की इजाजत देंगे, जिन्हें राज्य परिवहन प्राधिकरण (एसटीए) की ओर से या फिर केंद्र सरकार की तरफ से मान्यता दी गई हो। बात करें देहरादून की तो यहां कई ट्रेनिंग सेंटर हैं, लेकिन इनके लिए हर पैमाने पर खरे उतर पाना बड़ी चुनौती होगी। मान्यता देते वक्त इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर जगह, ड्राइविंग ट्रैक, आईटी, बायोमैट्रिक सिस्टम और निर्धारित सिलेबस के अनुसार ट्रेनिंग से जुड़ी जरूरतों को पूरा करते हों। एक बार ट्रेनिंग सेंटर की तरफ से सर्टिफिकेट जारी होने के बाद यह संबंधित मोटर व्हीकल लाइसेंस अधिकारी के पास पहुंच जाएगा। इसका मतलब ये है कि आपको लाइसेंस से पहले टेस्ट के लिए अपनी बाइक या कार लेकर आरटीओ नहीं जाना होगा और ना ही मामूली चूक होने पर टेस्ट लेने वाले अधिकारियों की मिन्नत करनी होगी। रोड ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री की तरफ से नोटिफाई किए गए नए नियम 1 जुलाई से लागू हो जाएंगे।