उत्तराखंड हरिद्वारCase registered against 12 people who rioted in Haridwar

उत्तराखंड: गंगा किनारे दारू पीकर अश्लील गीतों पर नाच रहे थे हुड़दंगी..12 लोगों पर केस दर्ज

जिस वक्त लड़के डीजे पर अश्लील गीत बजाकर डांस कर रहे थे, उस वक्त वहां कई लोग अपने परिवार के साथ मौजूद थे। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है।

haridwar news: Case registered against 12 people who rioted in Haridwar
Image: Case registered against 12 people who rioted in Haridwar (Source: Social Media)

हरिद्वार: गंगा के तट, जो कभी साधकों की तपस्थली हुआ करते थे, वो अब दारू पार्टी और अय्याशी का अड्डा बनकर रह गए हैं। पर्यटन से सरकार को राजस्व तो मिल रहा है, लेकिन इसकी कीमत न सिर्फ प्रकृति को बल्कि हमारी संस्कृति को भी चुकानी पड़ रही है। मामला हरिद्वार का है। यहां हरकी पैड़ी स्थित मालवीय घाट पर शुक्रवार रात कुछ युवकों ने हुड़दंग मचाया। हुड़दंगी युवक नशे में धुत होकर डीजे पर अश्लील गीत बजाकर डांस कर रहे थे। शराब का सुरूर सिर पर चढ़ने लगा तो लड़के कपड़े उतार कर नाचने लगे, हंगामा करने लगे। इस बीच किसी ने पुलिस को खबर दे दी, जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने युवकों को खदेड़ दिया। घटना शुक्रवार रात की है। रात करीब साढ़े 11 से 12 बजे के बीच 12 से ज्यादा युवक मालवीय घाट पर अर्द्धनग्न होकर डीजे पर नाच रहे थे। सभी शराब के नशे में धुत थे.

ये भी पढ़ें:

यह भी पढ़ें - उत्तराखंड: 35 हजार रुपये में बिका इंस्पेक्टर का ईमान, रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार
आरोपी लड़के अपने साथ ट्रॉली वाला डीजे लेकर आए थे। घाट पर पहुंचते ही इन्होंने अश्लील गीत बजाकर हुड़दंग करना शुरू कर दिया। उस वक्त घाट पर काफी लोग अपने परिवार के साथ घूम रहे थे। इन लोगों ने युवकों की अराजकता का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। साथ ही पुलिस-प्रशासन पर भी सवाल उठाए। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और उत्पाती युवकों को खदेड़ दिया। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस ने 10 से 12 अज्ञात लोगों के खिलाफ आपदा प्रबंधन समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस आरोपियों की धरपकड़ के लिए सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है। आपको बता दें कि कुछ समय पहले ऐसी ही एक घटना ऋषिकेश में भी हुई थी। यहां गंगा तट के किनारे कुछ पर्यटक हुक्का फूंकते नजर आए थे। तब सोशल मीडिया पर प्रशासन और पर्यटन विभाग की खूब आलोचना हुई थी।