उत्तराखंड देहरादूनSpecial report on tea production in Dehradun

कभी देहरादून था चाय उत्पादन का सिरमौर, जानिए 1830 से अब तक की कहानी..देखिए वीडियो

देहरादून के जाने माने पत्रकार पंकज पंवार ने स्पेशल वीडियो रिपोर्ट तैयार की है। यूट्यूब पर घुमक्कड़ पहाड़ी व्लॉग पर आप ये रिपोर्ट देख सकते हैं। देखिए वीडियो

Dehradun Tea Garden: Special report on tea production in Dehradun
Image: Special report on tea production in Dehradun (Source: Social Media)

देहरादून: एक वक्त था जब देहरादून की पहचान इसके चाय बागानों से हुआ करती थी। अंग्रेजों के जमाने में यहां बड़े पैमाने पर चाय का उत्पादन किया जाता था, जिससे हजारों लोगों का रोजगार जुड़ा था। दून की चाय विदेशों में सप्लाई की जाती थी, लेकिन जैसे-जैसे शहर में कंक्रीट का जंगल फैलने लगा, चाय बागान सिमटने लगे। अब यहां के कई चाय बागान रिहायशी कॉलोनी में तब्दील हो चुके हैं। वहीं बात करें दून के सबसे बड़े चाय बागान आरकेडिया ग्रांट की तो यहां भी चाय के पौधे कम और जंगली घास-फूस ज्यादा नजर आती है। 1200 एकड़ में फैले इस क्षेत्र में ग्रीन टी का उत्पादन जरूर हो रहा है, लेकिन हालात बद्तर हैं। जिस फैक्ट्री में कभी चाय बनती थी, वहां वर्मी कंपोस्ट बन रहा है। बात करें दून के चाय बागानों के इतिहास की तो इसकी शुरुआत डेढ़ सौ साल पहले ब्रिटिश नागरिक डॉक्टर जेम्सन की पहल पर हुई थी। साल 1830 में यहां पहला चाय बागान स्थापित हुआ। साल 1855 तक यहां 73 चाय बागान अस्तित्व में आ गए।

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साल 1830 तक अपना उत्तराखंड आसाम, उड़ीसा और नागालैंड की तुलना में 300 गुना चाय का उत्पादन करने लगा था। आपको जानकर हैरानी होगी कि दून का कौलागढ़ क्षेत्र पूरे भारत का पहला चाय उत्पादक क्षेत्र था। हालांकि जैसे-जैसे साल गुजरे, चाय के बागान भी सिमटने लगे। साल 1951 तक यहां सिर्फ 37 चाय बागान बचे थे। अब यहां हरबंसवाला में स्थित आरकेडिया ग्रांट ही सबसे बड़े चाय बागान के रूप में जाना जाता है, लेकिन इसकी हालत देख आपको भी दुख जरूर होगा। ऐसा नहीं है कि देहरादून में चाय उत्पादन के लिए अनुकूल माहौल और संसाधन नहीं हैं, लेकिन सरकार की उपेक्षा के चलते योजनाएं परवान नहीं चढ़ पा रहीं। देहरादून के बदहाल चाय बागानों पर देहरादून के जाने माने पत्रकार पंकज पंवार ने स्पेशल वीडियो रिपोर्ट तैयार की है। यूट्यूब पर घुमक्कड़ पहाड़ी व्लॉग पर आप ये रिपोर्ट देख सकते हैं। और हां, अगली बार जब आप चाय की चुस्कियां लें तो देहरादून के चाय बागानों के हालात पर एक बार सोचिएगा जरूर। देखिए वीडियो

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