उत्तराखंड हरिद्वारno kanvad yatra in haridwar

उत्तराखंड में कोरोना का डर, नहीं होगी कांवड़ यात्रा..कांवड़ियों की NO ENTRY

कुंभ मेले से सबक लेते हुए प्रदेष सरकार ने इस वर्ष कांवड़ यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया है। तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए रद्द की यात्रा-

Kanvad yatra haridwar: no kanvad yatra in haridwar
Image: no kanvad yatra in haridwar (Source: Social Media)

हरिद्वार: उत्तराखंड में राज्य सरकार ने कांवड़ यात्रा को लेकर एक बड़ा निर्णय लिया है। संक्रमण के चलते उत्तराखंड सरकार ने इस साल भी कांवड़ यात्रा पर रोक लगा दी है। उत्तराखंड सरकार ने कांवड़ यात्रा को प्रतिबंधित कर दिया है। सरकार ने तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए कांवड़ यात्रा के आयोजन पर रोक लगा दी है। बता दें कि हाल ही में उत्तराखंड में कुंभ मेले का आयोजन हुआ था और ऐसा माना गया कि उत्तराखंड में दूसरी लहर की वजह कुंभ मेला ही था। उस समय उत्तराखंड में कोरोना के कारण हालात बेकाबू हो गए थे। कुंभ मेले का आयोजन करवाने को लेकर उत्तराखंड सरकार की जमकर आलोचना भी हुई थी। ऐसे में अब सरकार सतर्क हो गई है और किसी भी प्रकार का रिस्क लेना नहीं चाहती इसलिए तीसरी लहर को देखते हुए सरकार ने कांवड़ यात्रा को प्रतिबंधित कर दिया है।

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डीजीपी अशोक कुमार ने प्रदेश के पड़ोसी राज्यों से आने वाले कांवड़ियों से यह अनुरोध किया है कि वह कांवड़ लेकर उत्तराखंड में प्रवेश ना करें। उन्होंने कहा है कि हरिद्वार में कांवड़ियों की एंट्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। अशोक कुमार ने कहा कि सावन के महीने में यूपी और उत्तराखंड के बॉर्डर को सील कर दिया जाएगा ताकि यूपी से कोई भी कांवड़ लेकर उत्तराखंड ना आ सके। बीते मंगलवार को पुलिस विभाग की अंतर राजकीय बैठक हुई और बैठक में डीजीपी अशोक कुमार ने पुलिस अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को कहा कि कांवड़ यात्रा पर प्रतिबंध लगने के बाद भी कोई अगर कांवड़ यात्रा करता है तो उसके ऊपर महामारी एक्ट में केस दर्ज किया जाएगा। उन्होंने कहा है कि ऐसे श्रद्धालुओं से पुलिस द्वारा सख्ती से निपटा जाएगा। डीजीपी ने सभी शिव भक्तों से यह भी अपील की है कि कांवड़ यात्रा में उत्तराखंड की ओर रुख ना करें और अपने आसपास के शिवालय में ही जल चढ़ाएं। बता दें कि हरिद्वार कुंभ से सबक लेते हुए उत्तराखंड सरकार ने कांवड़ यात्रा पर रोक लगा दी है।

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पिछले वर्ष भी उत्तराखंड में संक्रमण को देखते हुए सावन के महीने में कांवड़ यात्रा पर रोक लगा दी थी। दरअसल हर वर्ष सावन के महीने में बड़ी तादाद में शिव भक्त उत्तराखंड में गोमुख, देवप्रयाग, ऋषिकेश, हरिद्वार से गंगाजल लेकर जाते हैं और शिवरात्रि के दिन इस गंगा जल से भगवान शिव का अभिषेक किया जाता है। मगर संक्रमण के कारण कांवड़ यात्रा करवाना खतरे से खाली नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि पड़ोसी राज्यों से भारी संख्या में श्रद्धालुओं कांवड़ लेकर उत्तराखंड आते हैं। ऐसे में कुंभ मेले की तरह एक बार फिर से प्रदेश में संक्रमण फैलने की आशंका है और यही वजह है कि इस वर्ष संक्रमण को देखते हुए सरकार ने कांवड़ यात्रा पर रोक लगा दी है।