उत्तराखंड हरिद्वारVandana Kataria selected for Tokyo Olympics

शाबाश बेटी: उत्तराखंड की वंदना का ओलंपिक के लिए सलेक्शन..बधाई दीजिए

उत्तराखंड की बेटी वंदना कटारिया का हॉकी में चयन, टोक्यो ओलंपिक्स में भारत के लिए मेडल लेकर आने की ख्वाहिश।

Uttarakhand Vandana Kataria: Vandana Kataria selected for Tokyo Olympics
Image: Vandana Kataria selected for Tokyo Olympics (Source: Social Media)

हरिद्वार: उत्तराखंड के हरिद्वार में एक छोटे से गांव की बेटी वंदना कटारिया महिला हॉकी के जगत में उभरता हुआ नाम हैं। आज वंदना कटारिया से हर कोई वाकिफ है। लगन, जी-जान और कड़ी मेहनत से सफलता प्राप्त करने वाली महिला हॉकी टीम की पूर्व कप्तान और मिडफील्डर वंदना कटारिया ने एक बार फिर देवभूमि का नाम रोशन कर दिया है। वंदना कटारिया का सिलेक्शन टोक्यो ओलंपिक में हो गया है आने वाले 19 जुलाई को वे ओलंपिक खेलने टोक्यो जाएंगी। उन्होंने कहा है कि वे मेडल जीतकर ही आएंगी। हरिद्वार के छोटे से गांव रोशनाबाद की वंदना कटारिया का कहना है कि उनका लक्ष्य भारत के लिए मेडल जीतकर लाना है। उन्होंने मंगलवार को अपने परिजनों से बात करते हुए कहा कि उनका केवल और केवल लक्ष्य देश के लिए मेडल जीतकर लाना है और वे देश के लिए मेडल जीत कर ही आएंगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए टोक्यो ओलंपिक में जाने वाले खिलाड़ियों से बातचीत की और उनको शुभकामनाएं देते हुए कहा कि समस्त देश उनका समर्थन कर रहा है।

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15 अप्रैल 1992 को जन्मी वंदना कटारिया हरिद्वार के रोशनाबाद गांव की हैं। जब वे महज 14 साल की थी तब उन्होंने 2006 में जूनियर अंतरराष्ट्रीय हॉकी स्पर्धा में भाग लिया था और उसके बाद 2010 में उनको सीनियर राष्ट्रीय टीम में चुना गया था। इसके बाद उन्होंने 2013 में जर्मनी में जूनियर वर्ल्ड कप में कांस्य पदक जीता था और वहां पर वंदना सबसे अधिक गोल करने वाले खिलाड़ी बनी थीं। 2021 में उनको अर्जुन पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। वंदना कटारिया ने भारत के लिए अभी तक कुल 218 मुकाबले खेले हैैं जिसमें उन्होंने 58 गोल दागने में कामयाबी हासिल की है। वंदना ने भारतीय टीम के लिए एशियन गेम्स वर्ष 2014 में रजत और 2018 में कांस्य पदक जीता। इसके अलावा वर्ष 2017 के एशिया कप में टीम चैैंपियन बनी। उन्हें वर्ष 2014 में साल की सर्वश्रेष्ठ हॉकी खिलाड़ी चुना गया। हॉकी लीग में वंदना 11 गोल के साथ शीर्ष स्कोरर थीं। वंदना का टोक्यो के ओलंपिक में सिलेक्शन होने के बाद से उनके परिवार समेत पूरे गांव में खुशी की लहर छा गई है। उनके भाई पंकज कटारिया का कहना है कि उनकी बहन ने पूरे उत्तराखंड का नाम देश भर में रोशन किया है। वंदना वर्तमान में आने वाले ओलंपिक्स के लिए तैयारी कर रही हैं। उन्होंने अपने परिजनों से फोन पर कहा कि उनका एकमात्र लक्ष्य ओलंपिक में मेडल लाना है।

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वंदना ने अपने सभी इंटरव्यू के अंदर अपने पिता का जिक्र करते हुए कहा है कि उनके पिता ही उनका प्रेरणास्रोत रहे हैं और समस्त विश्व उनको उनके पिता की बदौलत ही जानता है। उन्होंने बताया कि उनको उनके पिता ने हॉकी खिलाड़ी बनने के लिए प्रेरित किया। जिस गांव से वे आती है वहां पर लड़कियों को खेलकूद के क्षेत्र में बढ़ावा नहीं दिया जाता मगर उनके पिता ने इस बात की परवाह किए बगैर अपनी बेटी को हॉकी खेलने के लिए प्रोत्साहित किया और आज वंदना पूरे विश्व में भारत का नाम गर्व से ऊंचा कर रही हैं। 2 महीने पहले ही उनके पिता का निधन हो गया है और वंदना का कहना है कि वे अपने पिता का सपना जरूर पूरा करेंगी। वंदना कटारिया 17 जुलाई को जापान की राजधानी टोक्यो में ओलंपिक खेलने के लिए दिल्ली से रवाना होंगी।