उत्तरकाशी: उत्तराखंड में जगह-जगह ऑलवेदर रोड का काम चल रहा है। कहा जा रहा है कि रोड बनने के बाद सफर आसान होगा, चारधाम यात्रा को रफ्तार मिलेगी, लेकिन करोड़ों-अरबों की लागत से बन रही ये सड़कें कितनी सुरक्षित होंगी, इसका अंदाजा आप ऊपर दिख रही तस्वीर को देखकर लगा सकते हैं। तस्वीर उत्तरकाशी से आई है, जहां बड़ेती में ऑलवेदर रोड का एक बड़ा हिस्सा धंस गया। रोड धंसने से यहां बसे करीब आधा दर्जन मकानों को खतरा पैदा हो गया है। स्थानीय लोग डरे हुए हैं, उन्होंने सड़क निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर सवाल उठाए हैं। बता दें कि कार्यदायी संस्था ने उत्तरकाशी में बड़ेती चुंगी तक ऑलवेदर रोड का काम कराया है। इन दिनों काम रुका हुआ है, क्योंकि इससे आगे का क्षेत्र इको सेंसेटिव जोन में आता है। जिला मुख्यालय से दो किलोमीटर दूर स्थित बड़ेती में ऑलवेदर रोड पहली ही बरसात में धंस गई। रोड का करीब 200 मीटर से अधिक हिस्सा धंस गया है, सड़क पर गहरी दरारें आ गई हैं।
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स्थानीय लोगों ने बताया कि सड़क का काम कुछ ही महीने पहले पूरा हुआ है, लेकिन निर्माणदायी संस्था ने मानकों का ध्यान नहीं रखा। पहली बरसात में ही सड़क की परतें उधड़ने लगी हैं। ऑलवेदर रोड प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल है, लेकिन विभागीय अधिकारी योजना को कैसे पलीता लगा रहे हैं, आप खुद देख लें। वैसे ऑलवेदर रोड के धंसने का ये पहला मामला नहीं है। इससे पहले ऐसी ही एक तस्वीर टिहरी जिले से आई थी। जहां चंबा में 19 जून को गुल्डी गांव में टनल को जोड़ने वाली ऑलवेदर रोड का बड़ा हिस्सा ढह गया था। इससे आसपास के करीब एक दर्जन मकानों के लिए भी खतरा पैदा हो गया। टिहरी के बाद उत्तरकाशी में भी यही हुआ है। यहां सड़क पर गहरी दरारें साफ देखी जा सकती हैं। स्थानीय लोग डरे हुए हैं, निर्माण कार्य की जांच कराने की मांग कर रहे हैं। वहीं विभागीय अधिकारियों का कहना है कि संबंधित कार्यदायी संस्था को रोड की मरम्मत करने के निर्देश दिए गए हैं।