उत्तराखंड टिहरी गढ़वालRoad broken near Chamba tunnel in Tehri Garhwal

गढ़वाल: पहली बारिश में ही फट गई 86 करोड़ की सड़क, ऑस्ट्रेलियन टेक्नोलॉजी भी काम न आई

चंबा टनल का अभी उद्घाटन भी नहीं हुआ और टनल से सटी रोड फट गई। इस सड़क के निर्माण पर 86 करोड़ रुपये खर्च हुए, लेकिन गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा गया।

Tehri Garhwal News: Road broken near Chamba tunnel in Tehri Garhwal
Image: Road broken near Chamba tunnel in Tehri Garhwal (Source: Social Media)

टिहरी गढ़वाल: उत्तराखंड में करोड़ों की लागत से बन रही सड़कों का बुरा हाल है। फिर चाहे वो ऑलवेदर रोड हो या फिर ग्रामीण क्षेत्रों में बन रहे संपर्क मार्ग। लाखों-करोड़ों की लागत से बन रही इन सड़कों के निर्माण में गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा जा रहा। अब नई टिहरी का ही मामला ले लें, यहां ऋषिकेश-गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग 94 के अंतर्गत चंबा टनल को जोड़ने के लिए एक सड़क बनाई गई थी। एक न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक ऑस्ट्रेलियन तकनीक से बनी इस सड़क पर 86 करोड़ रुपये खर्च हुए, लेकिन सड़क का हाल आप खुद देख लें। विदेशी तकनीक से बनी ये सड़क एक बारिश भी नहीं झेल सकी। मूसलाधार बारिश होते ही यह सड़क 1 किलोमीटर तक टूट गई। गनीमत रही कि जब सड़क टूटी उस समय सड़क पर वाहन नहीं चल रहे थे, वरना बड़ा हादसा हो जाता। सड़क टूटने के बाद स्थानीय लोगों में निर्माणदायी संस्था को लेकर गुस्सा है। लोग भारत कंस्ट्रक्शन कंपनी की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं। कह रहे हैं कि कंपनी ने जहां-जहां काम कराया, वहां से इसी तरह की शिकायतें मिल रही हैं। सरकार से करोड़ों रुपये लेने के बाद भी कंपनी निर्माण कार्य में गुणवत्ता का ध्यान नहीं रख रही। आगे पढ़िए

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क्षेत्र के लोगों ने कंपनी की लापरवाही को लेकर केंद्र सरकार और राज्य सरकार के साथ जिला प्रशासन को कई बार शिकायत की थी, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। अब जब सड़क एक किलोमीटर तक टूट गई, तब कहीं जाकर सबकी नींद टूटी है। चंबा टनल का अभी उद्घाटन भी नहीं हुआ और टनल से सटी रोड फट गई। कंपनी के मजदूर का कहना है कि सड़क बनाते समय इसमें नीचे हार्ड रॉक नहीं थी, इसमें सिर्फ मिट्टी भरी गई है। वहीं कंपनी के अफसरों का कहना है कि सड़क की हाइट ऊंची होने के कारण यह सड़क टूटी है। पुराना डिजाइन कामयाब नहीं हुआ। अब कंसल्टेंट नया डिजाइन देगा तो उसके बाद ही काम होगा। खैर ये तो भविष्य की बातें हैं, लेकिन बड़ा सवाल ये उठता है कि सड़क टूटने के बाद केंद्र सरकार के 86 करोड़ की भरपाई कौन करेगा। शिकायत करने के बाद भी गुणवत्ता की ओर ध्यान क्यों नहीं दिया गया। लोगों ने कहा कि कंपनी इतना घटिया काम क्यों कर रही है, इसकी जांच होनी चाहिए, साथ ही इस कंपनी ने जहां भी काम कराया है, वहां भी निर्माण कार्य की जांच की जानी चाहिए।