उत्तराखंड पिथौरागढ़Pithoragarh ajay oli got national award

पिथौरागढ़ के अजय ओली को मिला राष्ट्रीय युवा पुरस्कार, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी दर्ज है नाम

अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस के मौके पर सीमांत जिले के घनश्याम ओली चाइल्ड वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष अजय ओली को सराहनीय कार्याें के लिए राष्ट्रीय युवा पुरस्कार से नवाजा गया.

Pithoragarh ajay oli: Pithoragarh ajay oli got national award
Image: Pithoragarh ajay oli got national award (Source: Social Media)

पिथौरागढ़: समाज को बदलना है, तो सबसे पहले खुद में ही बदलाव लाना होगा। गरीब बच्चों के हक के लिए लड़ने वाले पहाड़ के युवा अजय ओली का ये ही फसाना है ये गर्व की बात है कि देवभूमि का ये बेटा उन बच्चों का पढ़ाई का जिम्मा खुद उठा रहा है, जो बेहद गरीब हैं और भीख मांगने के लिए मजबूर हैं। वहीं अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस के मौके पर सीमांत जिले के घनश्याम ओली चाइल्ड वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष अजय ओली को सराहनीय कार्याें के लिए राष्ट्रीय युवा पुरस्कार से नवाजा गया बता दें की बीते दस साल में यह पहला मौका जब किसी उत्तराखंड के युवा को यह सम्मान मिला है। अजय को बालश्रम व बाल भिक्षा को खत्म कर बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए यह पुरस्कार दिया गया, विज्ञान भवन में आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान देश भर के 22 लोगों को सम्मानित किया गया, जिसमें उत्तराखंड से एकमात्र अजय ओली को अवॉर्ड से नवाजा गया. इस मौके पर युवा एवं खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने अजय ओली के कार्यों की सराहना की और बालश्रम के खिलाफ चलाए जा रहे उनके मिशन को एक अनूठी मिसाल पेश करने वाला बताया.

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बता दें कि पिथौरागढ़ जिले के टाना गांव निवासी अजय ओली लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी अपना नाम दर्ज करा चुके हैं. वे अब तक 98 हजार किमी से ज्यादा की नंगे पैर यात्रा कर चुके हैं. साथ ही 109 शहरों में 13 हजार से ज्यादा जागरूकता कार्यक्रम कर चुके हैं. आपको बता दें की अजय ने शिक्षा के तौर पर होटल मैनेजमेंट में स्नातक, होटल मैनेजमेंट में मास्टर्स, हॉस्पिटैलिटी में मास्टर्स और ह्यूमन रिसोर्स में मास्टर्स किया है। इसके बाद अजय ने बहुत सालों तक बिजनेस किया। बिजनेस में वह काफी सफल थे लेकिन मन में समाज सुधार के विचार आने के बाद उन्होंने व्यवसाय छोड़ने का निर्णय लिया और सामाजिक कार्यों में जुट गए। इसके बाद उन्होंने चाइल्ड लेबर पर रिसर्च करना शुरू किया और अब विगत सात वर्षों से अजय बालश्रम व भिक्षावृत्ति के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर जागरूकता अभियान चला रहे हैं। ओली ने यह सम्मान समाज को समर्पित करते हुए युवाओं को इसका श्रेय दिया। उन्होंने कहा कि भारत के निर्माण में युवाओं को सक्रिय होना और समाज से जुड़कर अपनी सेवाएं देना बहुत जरूरी है।