हरिद्वार: उत्तराखंड के हरिद्वार में मौजूद एक महिला अस्पताल में हाल ही में परिवार ने हंगामा कर दिया। कारण भी जान लीजिए। दरअसल परिवार ने अस्पताल प्रशासन के ऊपर बच्चा बदलने का बड़ा आरोप लगाया और आरोप लगाने के बाद परिजनों ने जमकर अस्पताल में बवाल काटा। अस्पताल प्रशासन ने दो बच्चों के हाथ पर लगाए हुए टैग में मां का नाम गलत लिख दिया जिस वजह से यह पूरी गलतफहमी पैदा हुई। वहीं अस्पताल प्रशासन ने अपनी गलती मानते हुए कहा है कि गलती से टैग बदले जाने के कारण यह गलतफहमी हुई है। गुस्साए परिजनों ने इस हद तक अस्पताल में हंगामा मचाया की पुलिस को बुलाने तक की नौबत आन पड़ी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर हंगामा शांत कराया। अस्पताल प्रशासन ने कहा है कि लापरवाही के कारण यह हुआ और दोनों बच्चों के टैग बदल जाने के कारण यह गलतफहमी है। वहीं पुलिस दोनों बच्चों का डीएनए टेस्ट कराने की तैयारी में है। चलिए आपको पूरी घटना से अवगत कराते हैं। चलिए आपको पूरे मामले की संक्षिप्त से जानकारी देते हैं और बताते हैं कि आखिर यह पूरा मामला कैसे सुलझा और आखिर यह गलतफहमी कैसे पैदा हुई। आगे पढ़िए...
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अब तक मिली जानकारी के मुताबिक बीती 20 अगस्त की दोपहर को हरिद्वार की निवासी अनुरूपा और सोनिया ने महिला अस्पताल में एक बच्चे को जन्म दिया और बीते सोमवार को दोनों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। अस्पताल प्रशासन ने गलती से दोनों बच्चों के टैग के ऊपर मां के नाम में फेरबदल कर दी। यानी कि अनुरूपा के बच्चे के टैग के ऊपर सोनिया का नाम और सोनिया के बच्चे के टैग के ऊपर अनुरूपा का नाम लिख दिया। जब अनुरूपा और उनका परिवार अपने घर पहुंचा तो देखा कि बच्चे के हाथ में मां का नाम सोनिया लिखा हुआ था जिसके बाद परिवार हैरान रह गया। अस्पताल में दोनों को बताया गया था की अनुरूपा को बेटी हुई है और सोनिया का बेटा पैदा हुआ। बच्चे के हाथ में सोनिया नाम का टैग लगे होने के बाद अनुरूपा के परिजनों ने अस्पताल पहुंचकर जमकर हंगामा किया और आरोप लगाया कि उन्होंने बेटे की जगह बदल कर उनको बेटी दे दी है। सोनिया के बच्चे के हाथ में अनुरूपा के नाम का रबड़ बैंड था जिसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने यह स्पष्ट किया कि दोनों के बच्चों के टैग्स आपस में बदल गए जिस कारण यह गलतफहमी पैदा हुई। मगर अनुरूपा का परिवार बच्चा बदलने के आरोप पर अड़ा रहा जिसके बाद पुलिस को बुलाने की नौबत आ गई। महिला उप निरीक्षक हेमलता को मौके पर भेजा गया और यह तय हुआ कि अब दोनों बच्चों का डीएनए कराया जाएगा और डीएनए कराने के बाद ही पूरा मामला स्पष्ट हो पाएगा।