नैनीताल: कॉर्बेट टाइगर रिजर्व से सटे इलाकों में बाघ की बढ़ती चहलकदमी से ग्रामीण दहशत में हैं। बाघ आबादी वाले इलाकों में घुसकर लोगों पर हमला कर रहे हैं। पार्क में गश्त करने वाले वनकर्मियों को भी अपनी सुरक्षा का डर सता रहा है क्योंकि बाघ और हाथी के हमले में अब तक कई वनकर्मी अपनी जान गंवा चुके हैं। बीते दिन कुछ ऐसा ही हुआ भी ऐसा ही हुआ। यहां कार्बेट टाइगर रिजर्व के अंतर्गत कालागढ़ टाइगर रिजर्व फारेस्ट की अदनाला रेंज में साथियों संग गश्त कर रहे वन श्रमिक पर बाघ ने हमला कर दिया वनकर्मी की किस्मत अच्छी थी, क्योंकि वो अकेला नहीं था। विभाग के दूसरे कर्मचारी भी उसके साथ थे। जैसे ही बाघ ने वनकर्मी पर हमला किया तो दूसरे वनकर्मियों ने शोर मचाया जिसके बाद बाघ वनकर्मी को छोड़कर जंगल में भाग गया बाघ के हमले में वनकर्मी की जान तो बच गई, लेकिन वो बुरी तरह घायल है। घायल वनकर्मी को इलाज के लिए कोटद्वार के बेस चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है।
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चलिए आपको पूरा मामला बताते हैं कालागढ़ टाइगर रिजर्व फारेस्ट की अदनाला रेंज से वन दरोगा जीतेंद्र नेगी के नेतृत्व में पांच कर्मियों का दल मुंडियापानी बीट के हलगढ़ी कक्षा संख्या 12 में गश्त पर था सभी वनकर्मी एक साथ आगे-पीछे चल रहे थे। इसी बीच झाड़ी से एक बाघ निकलकर आया और बीच में चल रहे संपूर्णानंद पर हमला कर उसे नीचे गिरा दिया और वही मौके पर मौजूद अन्य कर्मियों ने शोर मचाना शुरू कर दिया जिसके बाद बाघ वनकर्मी को छोड़कर जंगल में भाग गया लेकिन खतरा अभी टला नहीं था इससे पहले की वो लोग संभल पाते अगले ही पल बाघ फिर लौटा और संपूर्णानंद पर हमला कर उसके बायें पैर को अपने जबड़े में जकड़ दिया व उसे झाड़ियों की ओर खींचने लगा जैसे ही बाघ ने वनकर्मी पर दूसरी बार हमला किया, दूसरे वनकर्मियों ने हवाई फायरिंग शुरू कर दी। फायरिग की आवाज सुनकर बाघ भाग गया। बाघ के हमले श्रमिक के पांव में गंभीर चोट आई। इसके बाद किसी प्रकार वे सुरक्षित स्थान पर पहुंचे और उन्होंने घटना की जानकारी उच्चाधिकारियों को दी। अदनाला रेंज अधिकारी नवीन जोशी ने बताया कि घायल को बेस अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है। उसकी स्थिति खतरे से बाहर है।