उत्तराखंड टिहरी गढ़वालWoman gave birth to 3 children in Badiyargarh

गढ़वाल: गर्भवती ने दिया 3 बच्चों को जन्म, मोबाइल की लाइट में हुआ प्रसव..सभी सुरक्षित हैं

राहत इस बात की है कि महिला और बच्चों को समय पर मेडिकल हेल्प मिल गई, जिससे उनकी जान बच गई।

Tehri Garhwal Badiyargarh: Woman gave birth to 3 children in Badiyargarh
Image: Woman gave birth to 3 children in Badiyargarh (Source: Social Media)

टिहरी गढ़वाल: सुरक्षित प्रसव हर महिला का अधिकार है। जच्चा-बच्चा की सुरक्षा के लिए सरकार जननी सुरक्षा योजना चला रही है, लेकिन पहाड़ के दूरस्थ इलाकों में महिलाएं आज भी खेतों-सड़कों पर बच्चा जनने को मजबूर हैं। कई जगह अस्पताल पहुंचने के लिए गर्भवती महिलाओं को कई किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है, तो कई गांव ऐसे हैं जहां बिजली की आपूर्ति न होने की वजह से टॉर्च की रौशनी में प्रसव कराए जा रहे हैं। टिहरी गढ़वाल में एक ऐसा ही मामला सामने आया है। जहां महिला का प्रसव टॉर्च की रौशनी में कराया गया। महिला ने तीन बच्चों को जन्म दिया है। राहत इस बात की है कि महिला और बच्चों को समय पर मेडिकल हेल्प मिल गई, जिससे उनकी जान पर बना जोखिम टल गया। जच्चा और बच्चा सुरक्षित हैं। घटना बढ़ियारगढ़ क्षेत्र के चौरिखाल गांव की है। जहां देर रात एक गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा होने लगी। घबराए हुए परिजनों ने तुरंत 108 सेवा को फोन किया। देर रात करीब 11 बजे जब तक 108 एंबुलेंस महिला के गांव पहुंची, तब तक वो एक बच्ची को जन्म दे चुकी थी। बताया जा रहा है कि गांव में लाइट नहीं थी। जिसके चलते मोबाइल और टॉर्च से रौशनी कर किसी तरह महिला का प्रसव कराया गया। आगे पढ़िए

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कुछ देर बाद फार्मासिस्ट हिमांशु और एंबुलेंस चालक महेंद्र गांव में पहुंचे और प्रसूता को जरूरी दवाईयां दीं। महिला की हालत गंभीर थी, उसे तुरंत अस्पताल ले जाया जाना था। तब परिजन महिला को चारपाई में लेटाकर आधा किलोमीटर पैदल चले। सड़क तक पहुंचने के बाद महिला को एंबुलेंस से श्रीनगर के बेस हॉस्पिटल ले जाया गया, लेकिन महिला ने रास्ते में ही दो और बच्चों को जन्म दे दिया। महिला और तीनों बच्चे स्वस्थ हैं, उनका अस्पताल में इलाज चल रहा है। इस तरह 108 कर्मियों की मदद की बदौलत महिला और उसके बच्चों की जान बच गई। प्रसूता के परिजनों ने 108 सेवा से जुड़े कर्मचारियों का आभार जताया। गांव के लोगों ने कहा कि 108 सेवा से जुड़े स्वास्थ्यकर्मियों ने मदद न की होती तो जच्चा और बच्चों की जिंदगी खतरे में पड़ सकती थी, डिलीवरी में जोखिम था, लेकिन अब सब ठीक है। सीएमओ टिहरी ने भी स्वास्थ्यकर्मियों की तारीफ कर उनका हौसला बढ़ाया।