देहरादून: किट्टी पार्टी के नाम पर धोखाधड़ी के मामले अब उत्तराखंड में भी जोर पकड़ने लग गए हैं. औरत ही औरत की दुश्मन होती है, ये सुना तो था, लेकिन देहरादून में जो हुआ उसे देख ये साबित भी हो गया. दून में महिलाएं किसी तरह दो-दो पैसे बचाकर किट्टी में जमा कर रही थीं, सोचा था बुरे वक्त में ये पैसे काम आएंगे. पैसे काम तो आए, लेकिन जमा कराने वाली महिलाओं के नहीं ऊषा नागर और आशा नागर नाम की महिलाओं के, जो कि महिलाओं को चूना लगाकर चंपत हो गई. पुलिस ने महिलाओं की शिकायत पर दोनों किट्टी संचालकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है. शिकायतकर्ता लक्ष्मी गुरुंग निवासी गांव घंघोड़ा ने पुलिस को बताया कि उन्होंने वर्ष 2017 के दौरान ऊषा नागर और आशा नागर निवासी राजपुर रोड के पास अपनी और अपने रिस्तेदारों की किट्टी खुलवाई. जिसकी कुल धनराशि 229500 रुपये है. साथ ही आशा नगर निवासी राजेंद्र नगर स्ट्रीट कौलागढ़ रोड के पास भी उन्होंने 22 हजार की दो किट्टी जमा करवाईं थी.
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किट्टी की अवधि एक साल की थी, किटी की समय अवधि 2018 में पूरी होने पर जब उन्होंने दोनों महिलाओं से रकम वापस मांगी तो उन्होंने आश्वासन दिया कि जब तक धनराशि उनके पास जमा रहेगी तब तक उन्हें ब्याज मिलता रहेगा. लेकिन जब लंबे समय से टालमटोल करने के बाद आरोपितों ने रकम वापस नहीं की तो सभी महिलाएं मिलकर उन पर दबाव बनाने लगी. जब महिलाओं ने दोनों से रकम वापस मांगी तो दोनों गाली-गलौच करने लगी जिसके महिलाओं ने पुलिस में दोनों महिलाओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवा दिया. वहीँ इस मामले में एसएसआइ लोकेश बहुगुणा ने बताया कि आशा नागर व ऊषा नागर दोनों आपस में बहन हैं. अब तक वह सैकड़ों महिलाओं से किट्टी के नाम पर लाखों की ठगी कर चुकी हैं. आशा नागर किटी के पैसे से ही किशननगर चौक में फ्लैट बनवा रही हैं. धारा चौकी के निकट वह रेस्टोरेंट भी खोल रही हैं. साथ ही आपको बता दें की इस घटना के बाद से ही दोनों फरार हैं.