उत्तराखंड टिहरी गढ़वालTehri garhwal rikhnikhal harendra shaheed

गढ़वाल राइफल्स का वीर सपूत आतंकी मुठभेड़ में शहीद, मां पिता का रो-रोकर बुरा हाल

आतंकी मुठभेड़ में शहीद हरेंद्र सिंह की शहादत के बाद गांव में पसरा मातम, परिजनों का हुआ रो-रो कर बुरा हाल, बरसात के कारण सड़क बंद होने से गांव में नहीं पहुंच सका पार्थिव शरीर-

Harendra shaheed uttarakhand: Tehri garhwal rikhnikhal harendra shaheed
Image: Tehri garhwal rikhnikhal harendra shaheed (Source: Social Media)

टिहरी गढ़वाल: जम्मू-कश्मीर के पुंछ क्षेत्र में हाल ही में भारतीय सेना और आतंकियों के बीच हुई मुठभेड़ में उत्तराखंड ने अपने कई लाल हमेशा-हमेशा के लिए खो दिए। आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ में उत्तराखंड के हरेंद्र सिंह भी शहीद हो गए थे। आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हुए हरेंद्र सिंह रिखणीखाल तहसील के गुर्ठेता ग्राम सभा के ग्राम पीपलसारी के मूल निवासी थे। अपने जवान बेटे की मौत के बाद से ही शहीद के माता-पिता के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं और उनके परिजनों के बीच में मातम पसरा हुआ है। वहीं मूसलाधार बरसात के कारण सड़क बंद होने से उनका पार्थिव शरीर गांव पहुंच नहीं पाया। फिलहाल शहीद का पार्थिव शरीर रिखणीखाल हॉस्पिटल में रखा गया है। शहीद नायक हरेंद्र सिंह (35) 16वीं गढ़वाल राइफल्स में तैनात थे। वे वर्तमान में भारतीय सेना की 48 आरआर रेजीमेंट में जम्मू कश्मीर के पुंछ इलाके में ड्यूटी पर थे। 15 अक्तूबर को आतंकियों से मुठभेड़ में नायक हरेंद्र सिंह शहीद हो गए.

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शहीद का पार्थिव शरीर राजौरी से जौलीग्रांट तक विशेष विमान और इसके बाद सेना के विशेष वाहन से रविवार शाम को लैंसडौन सेना मुख्यालय लाया गया। सोमवार सुबह पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए गांव लाया जाना था। लेकिन बारिश के कारण सड़क बंद होने के कारण दोपहर तक उनका पार्थिव शरीर गांव नहीं पहुंच सका। गांव के पैतृक घाट पर ही शहीद का अंतिम संस्कार सैनिक सम्मान के साथ किया जाना था। शहीद की पत्नी और माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल है। शहीद हरेंद्र सिंह के पिता सेना से सेवानिवृत्त सैनिक हैं। शहीद की मां सरोजनी देवी और पिता पूर्व सैनिक छवाण सिंह रावत अपने पैतृक गांव पीपलसारी में रहते हैं। उनके दो मासूम बच्चे भी हैं जिनके सिर के ऊपर से पिता का साया हमेशा-हमेशा के लिए उठ चुका है।