देहरादून: राजनीति में किसके सुर कब बदल जाएं, कुछ कहा नहीं जा सकता। अब उत्तराखंड में ही देख लें। पिछले दिनों पूर्व सीएम और दिग्गज कांग्रेस नेता हरीश रावत और कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत के बीच लंबी तकरार चली। हरीश रावत ने साल 2016 में उनकी सरकार गिराने वालों को महापापी और अपराधी करार दिया। उनके इस बयान के बाद कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत की भी प्रतिक्रिया आई। उन्होंने हरीश रावत पर आरोप लगाया कि पूर्व सीएम उन्हें हर तरह से फंसाना चाहते थे, इसके लिए उन्होंने कई साजिशें रचीं, लेकिन अब हरीश रावत को लेकर डॉ. हरक सिंह रावत के सुर नरम पड़ गए हैं। शुक्रवार को उन्होंने हरीश रावत को अपना बड़ा भाई स्वीकारते हुए कहा कि उनकी हर बात आशीर्वाद है। साथ ही यह भी जोड़ा कि वो कांग्रेस में वापसी नहीं, बल्कि बड़े भाई से माफी मांग रहे हैं। पूर्व सीएम हरीश रावत और कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के बीच लंबे समय से जारी जुबानी जंग पिछले दिनों सुर्खियों में छाई रही।
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हरीश रावत ने उन विधायकों को महापापी और अपराधी करार दिया, जिन्होंने उनकी सरकार गिराई थी। बता दें कि साल 2016 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में जाने वाले विधायकों में हरक सिंह रावत भी शामिल थे। ऐसे में हरीश रावत का बयान उन्हें बुरी तरह आहत कर गया। हरक सिंह रावत ने भी इस बयान के जवाब में कई तीखी बातें कही थीं। अब हरक कह रहे हैं कि हरीश रावत कुछ भी बोलें, उनके लिए सात खून माफ हैं। हरक बोले की हरीश रावत बड़े भाई हैं, मैं उनके खिलाफ कुछ नहीं बोलूंगा। वो चोर बोलें, अपराधी बोलें, मैं उनके चरणों में नतमस्तक हूं। उनका हर शब्द मेरे लिए आशीर्वाद है। पिछले दिनों हरक खानपुर विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन के निशाने पर भी थे। इस पर भी हरक ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि चैंपियन मेरा छोटा भाई है, उसके प्रति मेरा प्रेम कभी कम नहीं होगा। वो कुछ भी कह दें, उनके लिए भी सात खून माफ हैं।