उत्तराखंड अल्मोड़ाsnigdha Tiwari and Prashant Tiwari of almora will participate in un conference

उत्तराखंड: भाई-बहन ने रोशन किया पहाड़ का नाम, UN सम्मेलन में हिस्सा लेने जाएंगे स्कॉटलैंड

पूरे देश के साथ-साथ उत्तराखंड के लिए भी ये मौका बेहद खास है। क्योंकि इस आयोजन में उत्तराखंड के दो होनहारों को देश का प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिलेगा।

Almora snigdha Tiwari: snigdha Tiwari and Prashant Tiwari of almora will participate in un conference
Image: snigdha Tiwari and Prashant Tiwari of almora will participate in un conference (Source: Social Media)

अल्मोड़ा: पूरी दुनिया जलवायु परिवर्तन संबंधी संकट से जूझ रही है। इसके चलते ग्लेशियरों का पिघलना, जंगलों में आग, बाढ़, उष्णकटिबंधीय तूफान और सूखे जैसे खतरे बढ़े हैं। जलवायु परिवर्तन संबंधी चुनौतियों से कैसे निपटना है, इसे लेकर स्कॉटलैंड (यूके) में 31 अक्टूबर से कॉप-26, संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन-2021 का आयोजन होने जा रहा है। पूरे देश के साथ-साथ उत्तराखंड के लिए भी ये मौका बेहद खास है। क्योंकि इस आयोजन में उत्तराखंड के दो होनहारों को देश का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिलेगा। अल्मोड़ा निवासी जन्मेजय तिवारी और हाईकोर्ट की अधिवक्ता स्निग्धा तिवारी इस सम्मेलन में शामिल होंगे। यह दोनों 29 अक्टूबर को दिल्ली से स्कॉटलैंड के लिए रवाना होंगे। स्निग्धा तिवारी व जन्मजेय तिवारी दोनों सगे भाई-बहन हैं। इन दोनों युवाओं को इस महत्वपूर्ण वैश्विक सम्मेलन में प्रतिनिधि के रूप में यूएनएफसीसीसी द्वारा पंजीकृत किया गया है। स्निग्धा तिवारी एशिया प्रशांत क्षेत्र के देशों की ओर से ग्लोबल ग्रीन के प्रतिनिधि के रूप में निर्वाचित हुई हैं। जन्मेजय तिवारी स्वीडन, ताइवान, लिवरपूल में अनेक वैश्विक सम्मेलनों में भागीदारी कर चुके हैं।

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ये दोनों अल्मोड़ा जिले के घुंघोली बसभीड़ा, चौखुटिया के मूल निवासी हैं। दोनों को अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का हिस्सा बनने का अवसर मिला है। स्कॉटलैंड के ग्लास्गो में होने वाले इस सम्मेलन में दुनिया के 197 राष्ट्रों के अनेक राष्ट्राध्यक्ष, जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में काम कर रही संस्थाएं और प्रबुद्ध जन भाग लेंगे। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन, फ्रांस के राष्ट्रपति इम्मानुएल मैक्रों, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और ग्रेट ब्रिटेन की राष्ट्राध्यक्ष महारानी एलिजाबेथ समेत कई राष्ट्राध्यक्ष भी इस आयोजन में मौजूद रहेंगे। इस तरह आप समझ सकते हैं कि ये मौका कितना खास है। सम्मेलन का आयोजन 31 अक्टूबर से 12 नवंबर तक होगा। जिसमें 8 नवंबर को स्निग्धा तिवारी अपनी रिपोर्ट पेश करेंगी। ये रिपोर्ट हिमालयी क्षेत्रों में प्राकृतिक आपदा एवं अनियोजित विकास से संबंधित होगी। इसी तरह 8 और 10 नवंबर को जन्मेजय तिवारी जलवायु आंदोलन पर स्थानीय स्तर पर सामुदायिक संगठन की महत्ता पर मेंबर ऑफ यूरोपियन पार्लियामेंट के साथ चर्चा में शामिल होंगे।