उत्तराखंड अल्मोड़ाBolero fallen in ditch in almora badecheena

अल्मोड़ा में गहरी खाई में गिरी बोलेरो, 1 मौत..11 लोग घायल

पहाड़ में ओवरलोडिंग सड़क हादसों की बड़ी वजह बन रही है। पिछले दिनों चकराता में भी ओवरलोडिंग के चलते हुए हादसे में कई लोगों की जान चली गई थी।

Almora badecheena Bolero: Bolero fallen in ditch in almora badecheena
Image: Bolero fallen in ditch in almora badecheena (Source: Social Media)

अल्मोड़ा: पहाड़ की सड़कें वाहन चालकों के लिए काल बनी हुई हैं। ऐसा कोई दिन नहीं गुजरता जब प्रदेश के किसी हिस्से में सड़क हादसा न होता हो। दिवाली के दिन भी प्रदेश में कई जगह सड़क हादसे हुए, जिनमें लोगों ने अपनी जान गंवा दी। एक ऐसे ही सड़क हादसे की खबर अल्मोड़ा के भैंसियाछाना ब्लॉक से आई है। जहां बोलेरो वाहन दुर्घटना में एक शख्स की मौत हो गई, जबकि 11 लोग घायल हो गए। एक घायल की हालत गंभीर बनी हुई है। हादसा दिवाली के दिन हुआ। बाड़ेछीना से एक बोलेरो गाड़ी सवारियों को लेकर अलई गांव की ओर जा रही थी। इसी दौरान बोलेरो गहरी खाई में जा गिरी। हादसे के वक्त बोलेरो में 12 लोग सवार थे। ये लोग दिवाली का सामान खरीदकर हंसी-खुशी घर लौट रहे थे कि तभी अलई के पास गाड़ी सड़क छोड़ करीब पांच मीटर नीचे खाई में जा गिरी। हादसे में दो लोगों को गंभीर चोटें आई थी। क्षेत्र के ग्रामीण घायलों को अपनी गाड़ी से बाड़ेछीना अस्पताल ले गए, लेकिन डॉक्टर नहीं मिला। बाद में ग्रामीण घायलों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पेटशाल लेकर गए। वहां से उन्हें हायर सेंटर रेफर कर दिया गया।

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जिला अस्पताल में इलाज के दौरान घायल हरीश राम पुत्र जशोदा राम की मौत हो गई। हरीश राम की उम्र 40 साल थी। हादसे में रजुली देवी पत्नी ठाकुर राम भी गंभीर रूप से घायल है। उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है..वाहन में सवार अन्य लोगों को हल्की चोटें आई हैं। घायल रजुली देवी ने बताया कि गाड़ी गांव का ही युवक सुरेश चला रहा था। गाड़ी खाई में कैसे गिरी, कोई नहीं समझ पाया। शुरुआती जांच में हादसे की वजह सड़क का धंसना बताया जा रहा है। जांच में ये भी पता चला है कि गाड़ी में मानक से अधिक यात्री बैठाए गए थे। त्योहारों के चलते पहाड़ी इलाकों में जमकर ओवरलोडिंग हो रही है। इसके चलते चकराता में पिछले दिनों भीषण हादसा हुआ था, जिसमें कई लोगों की जान चली गई थी। प्रशासन ओवरलोडिंग रोकने के तमाम दावे कर रहा है, लेकिन वाहन चालकों में प्रशासन की कार्रवाई का डर नहीं दिख रहा।