चमोली: सीमान्त जिला चमोली के जोशीमठ (Joshimath Geological Survey) में भूस्खलन, भूकम्प, भूमि धंसाव, बादल फटने व अतिवृष्टि से लगभग तीन दर्जन से अधिक गावों में सैकड़ों परिवार हर रोज खतरे के साए में जीने को मजबूर हैं. जोशीमठ, चमोली, पोखरी, कर्णप्रयाग, दशोली व घाट के सैकड़ों परिवारों की रूह अब हल्की बारिश से भी कांपने लगती है. क्षेत्र में लगातार बढ़ते जा रहे भूस्खलन की दशहत से यहां कई जीवन सहमे हुए हैं. पिछले दिनों क्षेत्र में हुई बारिश ने भूस्खलन का खतरा और भी बढ़ा दिया है. बता दें की बीते 18, 19 अक्टूबर को हुई भारी बारिश के बाद जोशीमठ नगर के निचले इलाकों में भारी नुकसान हुआ. आज 18 और 19 अक्टूबर को हुई बारिश को 20 दिन बीत चुके हैं, लेकिन उसके कारण यहां काफी क्षति हुई है. बुनियादी सुविधाओं से लोग वंचित हो गए हैं. सबसे ज्यादा दिक्कत सड़कें बंद होने की वजह से हो रही है. जिससे स्थानीय लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. कई जगहों पर विद्युत लाइनें क्षतिग्रस्त होने की कगार पर हैं, वहीँ दूसरी तरफ कई खेत खलिहान बर्बाद हो गए और हरे भरे जंगल भी लैंडस्लाइड की चपेट में आ गए.
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