उत्तराखंड पौड़ी गढ़वालMax going from Kotdwar to Dehradun lost its way

कोटद्वार से देहरादून जा रही मैक्स जंगल में गुम हो गई, अंधेरी रात में सवारियों के छूटे पसीने

मैक्स का ड्राइवर रास्ता भटक कर बीहड़ में पहुंच गया था। कोटद्वार क्षेत्र की घटना होने के बावजूद हरिद्वार पुलिस ने अपना फर्ज निभाया और 11 लोगों की जान बचाई। जानिए पूरा मामला

Kotdwar Dehradun Max: Max going from Kotdwar to Dehradun lost its way
Image: Max going from Kotdwar to Dehradun lost its way (Source: Social Media)

पौड़ी गढ़वाल: सोचिए रात का वक्त हो...आप एक गाड़ी में हों और ड्राइवर रास्ता भटक जाए। जिस गाड़ी को शहर जाना हो, वो जंगली जानवरों से भरे जंगल में चक्कर लगाने लगे..सोचकर ही डर लगा न। मंगलवार को कोटद्वार से एक मैक्स में सवार होकर देहरादून जा रहे यात्रियों को कुछ ऐसे ही डरावने अनुभव से दो-चार होना पड़ा। ये लोग ड्राइवर पर भरोसा कर के गाड़ी में सवार हुए थे, लेकिन ड्राइवर देहरादून पहुंचने के बजाय लालढांग के जंगल में पहुंच गया। गाड़ी और उसमें सवार यात्री लालढांग से पांच किलोमीटर दूर बीहड़ जंगल में फंस गए। वो तो शुक्र है कि सूचना मिलने पर पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और रेस्क्यू कर सभी 11 सवारियों को सुरक्षित बाहर निकाला। घना जंगल होने के चलते पुलिस को मौके पर पहुंचने में दिक्कतें हुईं। जब तक पुलिस नहीं पहुंची, तब तक यात्रियों की सांस अटकी रही। बाद में पुलिस ने दूसरी मैक्स से सभी यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया।

ये भी पढ़ें:

यह भी पढ़ें - टिहरी गढ़वाल के युवक की दुबई में मौत, विधवा मां और पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल
जानकारी के मुताबिक चालक समेत 11 लोगों से भरी मैक्स कोटद्वार से देहरादून जा रही थी। कोटद्वार से लेकर लालढांग तक बीच में दो-तीन बरसाती नदियां पड़ती हैं। सिगड्डी स्त्रोत नाले में पहुंचते ही चालक रास्ता भटक गया। करीब पांच किलोमीटर आगे घने और बीहड़ जंगल को देख सवारियों ने गाड़ी रुकवा दी। घने जंगल और पथरीले रास्ते की वजह से मैक्स चलने लायक भी नहीं रह गई थी। इस बीच किसी सवारी ने घटना के बारे में अपने रिश्तेदार को सूचना दी। उसने पुलिस को फोन किया। मामले की गंभीरता को समझते हुए श्यामपुर पुलिस ने तुरंत एक टीम मौके पर भेजी। जिस क्षेत्र की ये घटना है, वो कोटद्वार क्षेत्र में आता है। बावजूद इसके पुलिस ने अपना फर्ज निभाया और ट्रैक्टर ट्रॉली लेकर संबंधित क्षेत्र में पहुंची। वहां से सवारियों को लालढांग लाया गया, जहां से उन्हें दूसरी मैक्स से उनके गंतव्य तक भेजा गया।