रामनगर: उत्तराखंड का कॉर्बेट टाइगर रिजर्व बाघों की शरणस्थली के रूप में पूरी दुनिया में मशहूर है। हर साल लाखों पर्यटक यहां बाघों का दीदार करने पहुंचते हैं। बाघों को बचाने की चिंता के बीच कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में बाघों की मौत के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। ताजा मामला रामनगर का है। जहां तराई पश्चिम वन प्रभाग की बन्नाखेड़ा रेंज में आपसी संघर्ष में बाघिन की मौत हो गई। इससे वन विभाग में हड़कंप मच गया। शुरुआती जांच में बाघिन की मौत की वजह आपसी संघर्ष बताई जा रही है। डीएफओ बलवंत सिंह शाही ने घटना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि वन विभाग के कर्मचारियों को नाले में बाघिन का शव मिला।
Battle for Survival among Tigers
बाघिन की उम्र करीब 8 साल थी। शरीर पर चोट के निशान से प्रतीत होता है कि बाघिन की मौत आपसी संघर्ष में हुई है। शव कई दिन पुराना है। चिकित्सकों द्वारा पोस्टमार्टम करवाकर शव को नष्ट कर दिया गया है। आगे पढ़िए..
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वन विभाग के अधिकारी फिलहाल पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने का इंतजार कर रहे हैं। उसके बाद ही बाघिन की मौत की वजह का पता चल सकेगा। आपको बता दें कि रविवार रात तराई पश्चिम वन प्रभाग रामनगर रेंज के छोई के समीप सड़क हादसे में गुलदार की मौत हो गई थीं। डीएफओ ने बताया कि गुलदार को टक्कर मारने वाले आरोपी वाहन चालक की तलाश की जा रही है। मामले में वनाधिनियम के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी। रामनगर क्षेत्र में बीते मार्च में भी एक बाघ का शव मिला था। उस वक्त भी यही कहा गया की बाघ की मौत आपसी संघर्ष में हुई है। विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में फेस फॉर की गणना के दौरान 252 से ज्यादा बाघ पाए गए हैं। यहां बाघ लगातार बढ़ रहे हैं, लेकिन उनके रहने के लिए जगह कम पड़ने लगी है। पिछले दस सालों में यहां आपसी संघर्ष और टेरिटोरियल फाइट में कई बाघ अपनी जान गंवा चुके हैं।