रुद्रपुर: Uttarakhand में first gay marriage होने जा रही है..एक कहावत है..प्यार जाति-धर्म और मजहब, यहां तक कि जेंडर भी नहीं देखता, क्योंकि प्यार का कोई जेंडर नहीं होता, ये तो बस हो जाता है। जब प्यार परवान चढ़ता है तो प्रेमी जोड़ों को न परिवार दिखता है, न समाज। ऊधमसिंहनगर के रहने वाले दो लड़के भी कुछ साल पहले प्यार में पड़ गए। दोनों साथ में समय बिताने लगे। रिश्ता मजबूत हुआ तो दोनों ने समाज-परिवार से लड़कर शादी करने की भी सोच ली, लेकिन परिवार वालों को दोनों की नजदीकियां खटकने लगीं। परिवार ने पूछा ये रिश्ता क्या कहलाता है, तो दोनों लड़के सीधे हाईकोर्ट पहुंच गए और शादी के लिए मंजूरी मांगी। हाईकोर्ट ने दोनों को शादी की अनुमति दे दी और अब ये दोनों उत्तराखंड में पहली समलैंगिक शादी कर इतिहास बनाने वाले हैं।
First Gay Marriage in Uttarakhand
राज्य में समलैंगिक विवाह का ये पहला मामला है। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने दो युवकों को समलैंगिक विवाह की स्वीकृति दे दी है। साथ ही पुलिस को दोनों युवकों को सुरक्षा मुहैया कराने के आदेश भी दिए हैं। आगे पढ़िए...
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ऊधमसिंहनगर में रहने वाले दो युवक लंबे समय से एक-दूसरे के साथ रिलेशन में थे। दोनों अपने रिश्ते को नाम देना चाहते थे। शादी करना चाहते थे, लेकिन घरवाले राजी नहीं हुए। परिवार से सहमति न मिलने और विरोध की संभावना को देखते हुए दोनों युवकों ने उच्च न्यायालय की शरण ली और पुलिस सुरक्षा व्यवस्था की गुहार लगाई।
Uttarakhand High Court Accepts Petition for First Gay Marriage
दोनों की ओर से दायर याचिका में बताया गया कि उच्चतम न्यायालय ने इस तरह की शादी को मान्यता दी है। उनकी भावनाएं और इच्छाएं भी सामान्य लोगों की तरह होती हैं। याचिका में यह भी बताया गया कि 2017 की रिपोर्ट के आधार पर विश्व के 25 देशों ने समलैंगिक विवाह को मान्यता दी है। सुनवाई के बाद नैनीताल हाईकोर्ट ने दोनों युवकों को विवाह करने की मंजूरी दे दी। ये उत्तराखंड का पहला समलैंगिक विवाह होगा। कोर्ट ने रुद्रपुर के थाना प्रभारी को दोनों समलैंगिक युवकों को पुलिस सुरक्षा देने और मामले से जुड़े विपक्षियों को नोटिस जारी कर न्यायालय में जवाब दाखिल करने के निर्देश भी दिए हैं।