उत्तराखंड अल्मोड़ाRoad is Still far from Oscar award winning village in Uttarakhand

पहाड़ के बयेला गांव में ऑस्कर अवॉर्ड तो पहुंचा लेकिन सड़क नहीं पहुंची..गजब हाल है

Bayela village को मोटर मार्ग से जोड़ने के लिए 4 किलोमीटर रोड बनाई जानी है। 17 सालों में ऑस्कर अवार्ड गांव तक पहुंच गया लेकिन सड़क आज तक नहीं पहुंच सकी।

Bayela Village Almora: Road is Still far from Oscar award winning village in Uttarakhand
Image: Road is Still far from Oscar award winning village in Uttarakhand (Source: Social Media)

अल्मोड़ा: उम्मीदों के टूटने का दर्द क्या होता है, ये Bayela village के ग्रामीणों से बेहतर भला कौन समझ सकता है। अल्मोड़ा का ये गांव आज भी सड़क सुविधा के लिए तरस रहा है। गांव को मोटर मार्ग से जोड़ने के लिए 4 किलोमीटर लंबी रोड बनाई जानी है।

Bhavesh Pandey के गांव Oscar Award तो पंहुचा पर सड़क नहीं:

17 साल बीत गए। इन 17 सालों में ऑस्कर अवार्ड गांव तक पहुंच गया लेकिन सड़क आज तक नहीं पहुंच सकी। द्वाराहाट का यह गांव सरकारी तंत्र की सुस्ती का खामियाजा भुगत रहा है। हर 5 साल में चुनाव आते हैं, सरकारें बदलती हैं लेकिन इस गांव के हालात नहीं बदल रहे। रोड के लिए ग्रामीण पांच बार बड़े जन आंदोलन कर चुके हैं।
नेताओं से लेकर अधिकारियों तक गुहार लगा चुके हैं, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। शासन की कार्यप्रणाली से नाराज पंचायत प्रतिनिधियों ने एक बार फिर सड़क पर उतरने की चेतावनी दी है। यहां आपको बयेला गांव के बारे में कुछ और बातें बताते हैं। साल 2017 में हॉलीवुड फिल्मों के तकनीकी निदेशक भावेश पांडे ने ‘जंगल बुक’ फिल्म के लिए ऑस्कर अवार्ड जीता था।

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Oscar Award जीतने वाले Bhavesh Pandey बयेला गांव के रहने वाले हैं। भावेश विदेशों में काम कर रहे हैं, लेकिन उन्हें पहाड़ से खास लगाव है। भावेश के ऑस्कर अवार्ड जीतने के बाद बयेला गांव की खूब चर्चा हुई थी, उम्मीद थी कि जल्द ही इस गांव के भी दिन बदलेंगे। यहां सड़क पहुंचेगी, विकास के काम होंगे, लेकिन कुछ नहीं हुआ। पिछले डेढ़ दशक से यह गांव बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहा है। साल 2004-05 में स्पेशल कंपोनेंट प्लान के तहत गांव तक 4 किलोमीटर सड़क बनाए जाने की मंजूरी मिली थी।
हैरानी इस बात की है कि सड़क को बनाने के नाम पर अब तक 1.11 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं, लेकिन सड़क धरातल पर मूर्त रूप नहीं ले सकी। ग्रामीणों का कहना है कि पांच बार जन आंदोलन करने के बाद साल 2019 में सड़क के निर्माण का काम तो शुरू हुआ, लेकिन कटान का काम करने के बाद निर्माण रोक दिया गया।
बयेला गांव के ग्रामीण एक बार फिर आंदोलन का मन बना चुके हैं तो वहीं लोनिवि अधिकारियों का कहना है कि बयेला-नाड़ मोटरमार्ग का रुका हुआ शेष कार्य जल्द पूरा कराया जाएगा। इसके लिए निविदाएं आमंत्रित की गई हैं। टेंडर की प्रक्रिया पूरी होते ही काम शुरू करा दिया जाएगा।