देहरादून: न खुदा ही मिला, न बिसाले सनम...कैबिनेट मंत्री रहे डॉ. हरक सिंह रावत को देखकर ये लाइनें याद आ रही हैं। बीजेपी पर बहू के लिए टिकट का दबाव बना रहे हरक सिंह रावत को पिछले दिनों बीजेपी ने पार्टी और मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखा दिया। चर्चा थी कि अब हरक सिंह रावत बहू अनुकृति समेत कांग्रेस ज्वाइन करेंगे, लेकिन पांच दिन बीत जाने के बाद भी हरक पैदल ही हैं। बीजेपी मुंह मोड़ चुकी है और कांग्रेस अब अपनाने को तैयार नहीं। राज्य की सियासत के केंद्र में बने हरक को पांच दिन बाद भी नया ठौर नहीं मिल पाया है।हरक सिंह रावत कांग्रेस पार्टी में शामिल होने के लिए जोड़तोड़ में लगे हैं, लेकिन अभी तक पार्टी हाईकमान उन पर कोई निर्णय नहीं ले पाया है। उधर हरक की पुत्रवधु अनुकृति गुसाईं का भी कांग्रेस में विरोध हो रहा है। आगे पढ़िए
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दरअसल कांग्रेस हरक सिंह रावत को एक सीट पर समेटना चाहती है। पार्टी में एक परिवार एक टिकट के फार्मूले को देखते हुए लैंसडौन से उनकी पुत्रवधु अनुकृति गुसाईं को टिकट देने की चर्चाएं हैं। कांग्रेस हरक को बीजेपी के खिलाफ प्रचार में उतारना चाहती है। जबकि हरक सिंह रावत खुद के लिए भी टिकट की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि कांग्रेस संगठन चाहेगा तो वह चौबट्टाखाल सीट या डोईवाला सीट से चुनाव लड़ने को तैयार हैं। हरक सिंह रावत ने ये भी कहा है कि पार्टी के सभी नेता चाहते हैं कि वह कांग्रेस में शामिल होकर पार्टी के लिए काम करें। उनकी हरीश रावत के करीबियों से भी बात हो गई है। डॉ. हरक सिंह रावत दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। उनकी कभी राहुल गांधी तो कभी सोनिया गांधी से मुलाकात की खबरें उड़ रही हैं, लेकिन इस खबरों की कहीं से भी कोई पुष्टि नहीं हुई। इधर हरक के कांग्रेस में जाने की चर्चाएं हैं तो वहीं दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर हरक की बीजेपी में वापसी की खबरें भी उड़ रही हैं। चर्चा है कि हरक के माफी मांग लेने के बाद उन्हें बीजेपी में दोबारा एंट्री दी जा सकती है, हालांकि इन खबरों की फिलहाल पुष्टि नहीं हो पाई है।