उत्तरकाशी: जहां CDS Bipin Rawat की मौत के गम से देश अब तक उभर रहा है तो वहीं दूसरी और उत्तराखंड की राजनीति में सीडीएस जनरल बिपिन रावत के नाम का इस्तेमाल कर अपनी पार्टियों का प्रचार प्रसार करने में कोई भी पार्टी पीछे नहीं हट रही है। भारतीय जनता पार्टी से लेकर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी तक हर कोई सीडीएस जनरल बिपिन रावत की मौत पर अपनी पार्टियों का फायदा देख रहा है और उनके नाम को हर पल भुनाने की कोशिश कर रहा है। दरअसल जब तीनों दलों के घोषणापत्र आए तो उनमें जनरल रावत के नाम को मेंशन किया गया और तीनों दलों ने ही उनके नाम से महत्वपूर्ण घोषणा भी की हैं। अब यह तो 10 मार्च को ही स्पष्ट होगा कि आखिर सीडीएस के नाम का फायदा उठाने में कौन सी पार्टी कामयाब रही है। सबसे पहले बात करते हैं भारतीय जनता पार्टी की। भाजपा ने सीडीएस बिपिन रावत की मौत के बाद अवसर देख कर एक बड़ा दांव चल दिया था और चुनाव के शुरुआती समय में भाजपा ने उनकी बेटियों को प्रदेश की सियासत में उतारने की पूरी कोशिश की थी। उन्होंने उनके भाई कर्नल विजय रावत को भी पार्टी की सदस्यता दिलाई और उन को चुनाव मैदान में उतारने का भी ऑफर दिया लेकिन उनके भाई कर्नल विजय रावत ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया। भाजपा ने अपने दृष्टि पत्र में में सत्ता में एक बार फिर से लौट कर आने पर जनरल बिपिन रावत पूर्व सैनिक क्रेडिट गारंटी फंड स्थापित करने की घोषणा की है और इस ट्रस्ट के माध्यम से 5 लाख तक के ऋण के लिए पूर्व सैनिकों को 50 फीसदी की सीमा तक गारंटीकृत कवर दिया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद सीडीएस बिपिन रावत को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा और ना केवल पीएम नरेंद्र मोदी बल्कि भाजपा के कई अन्य नेताओं ने भी सीडीएस रावत के नाम पर खूब सियासी चाल चली और विपक्षी पार्टी को घेरा।
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बात करें कांग्रेस की तो कांग्रेस में राहुल गांधी की परेड ग्राउंड में हुई रैली में सीडीएस रावत के बड़े कटआउट लगाए। पार्टी ने शहीद सम्मान यात्रा निकाली और प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल उनके गांव भी गए। कांग्रेस ने अब अपने उत्तराखंडी स्वाभिमान प्रतिज्ञा पत्र में सत्ता में आने पर सीडीएस बिपिन रावत के गांव तक सड़क पहुंचाने के साथ ही उनके नाम से एक बड़ा शिक्षण संस्थान खोलने की भी बड़ी घोषणा की है। कुल मिलाकर कांग्रेस भी स्वर्गीय विपिन रावत के नाम को भुनाने की कोशिश करती नजर आई। अब बात करते हैं आम आदमी पार्टी की। आम आदमी पार्टी ने भी सीडीएस बिपिन रावत को अपने घोषणापत्र में महत्वपूर्ण स्थान दिया है और उनके नाम को भुनाने की कोशिश की है। आम आदमी पार्टी द्वारा जारी किए गए घोषणापत्र में सीडीएस बिपिन रावत के नाम से सेना में भर्ती का रास्ता तय करने की बात की गई है। इसी के साथ आम आदमी पार्टी ने अपने वचन पत्र में कहा है कि सेना में भर्ती के लिए युवाओं को ट्रेनिंग देने के लिए जनरल बिपिन रावत आर्म्ड फोर्सज प्रिपेरटरी इंस्टीट्यूट की स्थापना की जाएगी। आखिर उत्तराखंड के चुनावी समर में जनरल बिपिन रावत का नाम इतना उभरकर क्यों आ रहा है और क्यों सभी पार्टियां जनरल बिपिन रावत के नाम का इस्तेमाल कर रहे हैं। यह कारण है उत्तराखंड में सैन्य परिवारों की अधिक तादाद। उत्तराखंड में तकरीबन दो लाख पूर्व सैनिक मतदाता हैं और हर चुनाव में सैनिकों को रिझाने के लिए सभी पार्टियां पूरी कोशिशों में जुटी रहती हैं। इस बार पूर्व सैनिकों और उनके परिवार को रिझाने के लिए और वोट बैंक बढ़ाने के लिए सभी पार्टियों ने CDS Bipin Rawat को अपना जरिया बनाया है।