उत्तराखंड रुद्रप्रयागThree women died in chirbithiya rudraprayag

रुद्रप्रयाग: दर्दनाक हादसे में 3 महिलाओं की मौत, एक ही गांव से उठी 3 अर्थियां

गांव की रहने वाली तीनों महिलाएं घर की लिपाई के लिए मिट्टी लेने गई थीं, लेकिन दुर्भाग्य से जिंदा वापस नहीं लौट सकीं।

Rudraprayag Landslide: Three women died in chirbithiya rudraprayag
Image: Three women died in chirbithiya rudraprayag (Source: Social Media)

रुद्रप्रयाग: रुद्रप्रयाग के चिरबटिया लुठियाग गांव में मातम पसरा है। गुरुवार को यहां मिट्टी लेने के लिए खदान में गई तीन महिलाएं भूस्खलन की चपेट में आकर जान गवां बैठीं। खदान का ऊपरी हिस्सा टूटकर महिलाओं के ऊपर गिर पड़ा। मिट्टी में दबने से महिलाओं की मौके पर ही मौत हो गई। सूचना पर डीडीआरएफ व प्रशासन की टीम ने मौके पर पहुंचकर मिट्टी में दबे शवों को निकाला। तीनों महिलाओं के शव को पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए जिला चिकित्सालय रुद्रप्रयाग भेज दिया गया है। हादसे में जान गंवाने वालों की पहचान आशा देवी (40) पत्नी दिनेश सिंह, माला देवी (52) पत्नी दर्शन सिंह और सोना देवी (48) पत्नी पूरण सिंह के रूप में हुई। यह तीनों लुठियाग गांव में रहती थीं। गुरुवार को तीनों महिलाएं अपनी अन्य सहेलियों के साथ चिरबटिया से लगभग एक किमी दूर टिहरी जनपद के घनसाली तहसील क्षेत्र के थाती गांव में मिट्टी लेने गई थीं। तीनों महिलाएं काफी अंदर तक जाकर मिट्टी खोदने लगीं। आगे पढ़िए

ये भी पढ़ें:

तभी, खदान के ऊपर की तरफ का बड़ा हिस्सा टूटकर महिलाओं के ऊपर जा गिरा, जिससे वे तीनों दब गईं। हादसा होते ही मौके पर चीख-पुकार मच गई। साथ की महिलाएं तुरंत गांव पहुंचीं और गांव वालों को घटना के बारे में बताया। सूचना मिलते ही परिजन घटनास्थल की तरफ दौड़ पड़े। साथ ही प्रशासन को भी सूचना दी। हालांकि रेस्क्यू टीम के पहुंचने तक तीनों महिलाओं की सांसें थम चुकी थीं। प्रशासन की टीम ने ग्रामीणों की मदद से तीनों शवों को मिट्टी से बाहर निकाला। बाद में शवों को पोस्टमार्टम के लिए जिला चिकित्सालय रुद्रप्रयाग भेज दिया गया। डीडीएमओ नंदन सिंह रजवार ने बताया कि एक साथ भारी मात्रा में मिट्टी गिरने से महिलाएं संभल नहीं पाईं, जिससे उनकी मौत हो गई। ग्रामीणों ने बताया कि ये तीनों महिलाएं खुदाई कर रही थीं, जबकि अन्य थैले भर रहीं थीं। तभी खदान का ऊपरी हिस्सा टूटकर इनके ऊपर गिर गया। घटना के बाद से प्रभावितों के गांव और घरों में मातम पसरा है। पीड़ित महिलाएं घर की लिपाई के लिए मिट्टी लेने गई थीं, लेकिन दुर्भाग्य से जिंदा वापस नहीं लौट सकीं।