देहरादून: अगर आप उत्तराखंड में 1 दिन के लिए भी विधायक बने, तो आपकी 40 हजार रुपये पेंशन पक्की है। जबकि हाल ही में सरकार द्वारा जारी नई पेंशन स्कीम के तहत 20 साल की सेवा पर भी कई कर्मचारियों को 3 हजार रुपये पेंशन मिल रही है। अब जनप्रतिनिधियों और कर्मचारियों की पेंशन में भेदभाव को लेकर भी कई सवाल उठ रहे हैं। हां..अगर पंजाब की बात करें तो हाल ही में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पूर्व विधायकों की पेंशन के फार्मूले में बदलाव किया है। उन्हें सिर्फ 1 कार्यकाल के लिए पेंशन देने का ऐलान किया गया।
pension and salary of MLA in Uttarakhand
अब उत्तराखंड में भी पूर्व विधायकों मिल रही पेंशन को लेकर नई बहस शुरू हो गई है। उत्तराखंड में ये प्रावधान है कि अगर आप 1 दिन के लिए भी विधायक बने, तो 40 हजार रुपये की पेंशन पक्की है। इसके बाद पेंशन में हर साल दो हजार रुपये का इजाफा होता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि उत्तराखंड में 95 पूर्व विधायकों की पेंशन के रूप में हर महीने 52लाख 73 हजार 900 रुपये खर्च हो रहे हैं। हाल ही में RTI कार्यकर्ता नदीमुद्दीन की RTI के जवाब में लोक सूचना अधिकारी, उपसचिव (लेखा) हेमचंद्र पंत ने ये जानकारी उपलब्ध कराई गई है। उत्तराखंड में सबसे ज्यादा पेंशन पू्व विधायक राम सिंह सैनी ले रहे हैं, उनकी पेँशन इस वक्त 91 हजार रुपये है। अब जरा मौजूदा विधायकों की बात करते हैं। राज्य में मौजूदा विधायकों को वेतन और सभी प्रकार के भत्ते मिलाकर हर महीने करीब ढाई लाख रुपये मिलते हैं। 30 हजार रुपये वेतन, 1.5 लाख रुपये निर्वाचन भत्ता, ड्राइवर के लिए 12 हजार रुपये, सचिवीय भत्ता 12 हजार, मकान के किराए के रूप में 300 रुपये और जनसेवा भत्ता के रूप में प्रतिदिन दो हजार रुपये मिलते हैं।