कोटद्वार: उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय में हुए भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितताओं को लेकर शासन ने जांच के आदेश दे दिए हैं और इसके लिए अपर सचिव की अध्यक्षता में 4 सदस्यी जांच समिति का गठन भी किया गया है।
Harak Singh Rawat Uttarakhand Ayurved University case
यह 15 दिन में अपनी रिपोर्ट शासन को देगी। इसी साल अगस्त में अपर सचिव राजेंद्र नेगी ने विश्वविद्यालय के कुलसचिव से सभी आरोपों की जांच रिपोर्ट मांगी थी। ऐसा माना जा रहा है कि 5 साल तक विभाग के मंत्री रहे डॉक्टर हरक सिंह रावत की भी जांच हो सकती है। इस जांच समिति में अपर सचिव वित्त अमिता जोशी, संयुक्त निदेशक आयुर्वेदिक एवं यूनानी कृष्ण सिंह ऑडिट अधिकारी रजत मेहरा भी सदस्य होंगे। शासन ने निर्देश दिए हैं कि 15 दिन के भीतर अपनी जांच रिपोर्ट शासन को उपलब्ध कराएं। आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय में 2017 से 2022 के बीच विश्वविद्यालय में पूर्व कुलपति और कुलसचिव जैसे महत्वपूर्ण पदों पर सेवाएं देने वाले अधिकारी भी इस जांच की जद में आ सकते हैं।
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आयुर्वेद विश्वविद्यालय में 5 साल तक विभाग के मंत्री रहे डॉ हरक सिंह रावत की भी जांच हो सकती है। सूत्रों के मुताबिक उनके कार्यकाल में विभाग में तमाम नियुक्तियां हुई हैं। आयुर्वेद विश्वविद्यालय में भी उनके कार्यकाल में नियुक्तियां हुई हैं। ऐसे में हरक सिंह रावत भी जांच की जद में आ सकते हैं। बता दें कि विश्वविद्यालय के ऊपर माइक्रोबायोलॉजिस्ट के पदों पर भर्ती में नियमों का अनुपालन न करने, बायोमेडिकल व संस्कृत में असिस्टेंट प्रोफेसर एवं पंचकर्म सहायक के पदों पर पहले विज्ञप्ति प्रकाशित करने और फिर रद्द करने, विश्वविद्यालय में पद ना होते हुए भी संस्कृत शिक्षकों का प्रमोशन एवं एसीपी का भुगतान करने, बिना शासन की अनुमति बार-बार विश्वविद्यालय की ओर से विभिन्न पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन निकालने और रोक लगाने जैसे तमाम गंभीर आरोप हैं। ऐसे में आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय में 2017 से 2022 के बीच पूर्व कुलपति और कुलसचिव जैसे बड़े अधिकारी भी जांच की जद में आ सकते हैं। Uttarakhand Ayurved University में भ्रष्टाचार की जांच में Harak Singh Rawat पर कस सकता है शिकंजा