उत्तराखंड नैनीतालUttarakhand Deled Candidate Nainital High Court Verdict

उत्तराखंड में 37 हजार डीएलएड अभ्यर्थियों के लिए खुशखबरी, शिक्षक बनने के रास्ते खुले

Nainital High Court ने लिया बड़ा Verdict , 37 हजार Deled Candidate के सरकारी शिक्षक बनने के रास्ते खुले

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Image: Uttarakhand Deled Candidate Nainital High Court Verdict (Source: Social Media)

नैनीताल: नैनीताल हाईकोर्ट ने डीएलएड प्रशिक्षण प्राप्त अभ्यर्थियों के पक्ष में एक सराहनीय निर्णय लिया है।

Uttarakhand Deled Candidate Nainital High Court Verdict

अब डीएलएड प्रशिक्षण प्राप्त अभ्यर्थियों को शिक्षक बनने से कोई नहीं रोक सकता क्योंकि हाईकोर्ट ने उन अभ्यर्थियों के लिए शिक्षक बनने के रास्ते खोल दिए हैं। कोर्ट ने गुरुवार को राज्य के प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक के पदों की नियुक्ति प्रक्रिया की काउंसलिंग में शामिल करने को लेकर दायर की गई याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई की। कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को भी काउंसलिंग में शामिल करने के निर्देश सरकार को दे दिए हैं। चलिए आपको पूरे मामले की संक्षिप्त से जानकारी देते हैं। दरअसल नैनीताल के नंदन सिंह बोहरा, निधि जोशी, गंगा देवी, संगीता देवी, गुरमीत सिंह और सुरेश चंद्र ने याचिका दायर कर राज्य सरकार को 10 फरवरी 2021 के निर्णय को गलत ठहराते हुए चैलेंज दिया था। कोर्ट में उन्होंने याचिका दायर करते हुए कहा कि 2019 में एनआईओएस के दूरस्थ शिक्षा माध्यम से उन्होंने डी एल एड की डिग्री प्राप्त की है।

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उनकी इस डिग्री को मानव संसाधन मंत्रालय, भारत सरकार व एनसीटीई ने मान्यता भी दी है। 16 दिसंबर 2020 को मानव संसाधन मंत्रालय ने , 6 जनवरी 2021 एनसीटीई व 15 जनवरी 2021 को शिक्षा सचिव ने उनको सहायक अध्यापक प्राथमिक भर्ती में शामिल करने के लिए कहा था मगर सरकार ने 10 फरवरी 2021 को यह कहते हुए उनको काउंसलिंग से बाहर कर दिया था कि सरकार के पास कोई भी स्पष्ट गाइडलाइन नहीं है। इससे पहले याचिकाकर्ताओं के समस्त शैक्षणिक प्रमाण पत्र जमा हो चुके थे। काउंसलिंग से बाहर निकालने के बाद उन्होंने कोर्ट की शरण ली और कोर्ट ने आखिरकार राजकीय प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक के पदों की नियुक्ति प्रक्रिया में इन अभ्यर्थियों को काउंसलिंग में शामिल करने का निर्णय सुना दिया है। कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को काउंसलिंग में शामिल करने के निर्देश सरकार को दे दिए हैं और कोर्ट के आदेश से तकरीबन 37 हजार डीएलएड अभ्यर्थियों को राहत मिलेगी।