उत्तराखंड देहरादूनDhami government to make changes in madrasas of Uttarakhand

उत्तराखंड के मदरसों में होने जा रहा है बड़ा बदलाव, बड़ी तैयारी में धामी सरकार!

CM Pushkar Singh Dhami का कहना है कि Uttarakhand के madarsa को एडवांस बनाया जाएगा और वहां पर चल रही शिक्षा में भी बदलाव किया जाएगा। अब वहां पर दूसरे सब्जेक्ट भी पढ़ाए जाएंगे।

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Image: Dhami government to make changes in madrasas of Uttarakhand (Source: Social Media)

देहरादून: उत्तराखंड की बागडोर एक बार फिर से संभालने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एक्शन मोड में नजर आ रहे हैं। उत्तराखंड की धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पहचान को बरकरार रखने के लिए वे कड़े प्रयास करते हुए दिखाई दे रहे हैं।

Dhami government to make changes in madrasas

उन्होंने यह तो साफ कर दिया है कि उनकी सरकार में उत्तराखंड की संस्कृति और उसकी आध्यात्मिकता को बढ़ावा दिया जाएगा। हर जगह बच्चों को पारंपरिक स्कूली शिक्षा दी जाएगी। उन्होंने अपने उत्तराखंड के मदरसों पर फोकस कर उनको एडवांस बनाने का निर्णय लिया है। जी हां, यह तो हम सभी जानते हैं कि मदरसों के अंदर केवल इस्लामिक शिक्षा ही दी जाती है। वहां का एजुकेशन सिस्टम केवल इस्लाम के विषयों पर ही आधारित है। ऐसे में मुख्यमंत्री उत्तराखंड के मदरसों को एडवांस बनाने की तैयारियों में जुट गए हैं। यहां पर मुस्लिम बच्चों को अरबी और फारसी में पारंपरिक स्कूली शिक्षा दी जाती है।

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मुख्यमंत्री ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि मदरसों को आधुनिक बनाया जाएगा और इसी बारे में सरकार सोच विचार कर रही है। उन्होंने बताया कि मदरसों को आधुनिक बनाने के लिए उन्होंने विश्लेषण भी किया है। उत्तराखंड में करीब 14 फीसदी मुस्लिम आबादी है और वहां करीब 420 मदरसे ऐसे हैं जो कि रजिस्टर्ड हैं। लेकिन बिना रजिस्ट्रेशन के आखिर कितने मदरसे चल रहे हैं इसका कोई डाटा नहीं है। ऐसे में इस नई पहल से सभी अवैध रूप से चल रहे मदरसों के आंकड़े भी सामने आएंगे। अब आप सोच रहे होंगे कि इस्लामी शिक्षा देने वाले मदसरों को धामी सरकार के अंदर एडवांस कैसे बनाया जाएगा। इसका जवाब सीधा सा है। अब तक इन मदरसों के अंदर केवल और केवल इस्लामी शिक्षा की पढ़ाई होती है। मगर अब यहां पर एडवांस एजुकेशन दी जाएगी। बीजेपी में मुस्लिम नेता शादाब शम्स का कहना है कि मदरसा चलाने वालों ने भी इस अनोखी पहल का स्वागत किया है। मुख्यमंत्री के इस फैसले का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार को मदरसा बोर्ड को भी मान्यता देनी चाहिए।