उत्तराखंड हल्द्वानीEncroachment will be removed by bulldozer in Haldwani

हल्द्वानी में 4500 घरों पर चलेगा बुलडोजर..7000 पुलिसकर्मी, 15 कंपनी पैरामिलिट्री रहेंगी तैनात

Haldwani में railway land से हटाया जाएगा Encroachment , वन विभाग जंगल में नहीं बनने देगा शरणार्थियों का कैंप.. bulldozer तैयार

haldwani bulldozer: Encroachment will be removed by bulldozer in Haldwani
Image: Encroachment will be removed by bulldozer in Haldwani (Source: Social Media)

हल्द्वानी: हल्द्वानी में रेलवे की 29 एकड़ भूमि से अतिक्रमण हटाने की कार्य योजना को अंतिम स्वरूप दिया जा चुका है।

Encroachment will be removed by bulldozer in Haldwani

इसके लिए 23 करोड रुपए खर्चा तय किया गया है। जिला प्रशासन एवं रेलवे ने अतिक्रमण हटाने की कार्य योजना को अंतिम रूप आखिरकार दे दिया है और अतिक्रमण हटाने के लिए गए 23 करोड़ रुपए भी रेलवे ही देगा। बीते शनिवार को कैंप कार्यालय में डीएम धीराज सिंह गर्ब्याल की अध्यक्षता में बैठक हुई और इसमें उन्होंने रेलवे अधिकारियों को अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की तिथि निर्धारित करने पर 15 दिन पहले जिला प्रशासन को अवगत कराने के लिए कहा है। यह भी बताया गया कि 1 महीने तक चलने वाले इस अभियान में 23 करोड़ खर्च किए जाएंगे और जिला अधिकारी ने अलग-अलग व्यवस्था के लिए अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय कर दी है। सात हजार पुलिस कर्मियों व 15 कंपनी पैरामिलिस्ट्री फोर्स की मौजूदगी में अतिक्रमणकारियों पर बुलडोजर गरजेगा। अवैध कॉलोनी में बुलडोजर चलाने के लिए रेलवे को अब केवल तिथि निर्धारित करनी है। बाकी सारी तैयारियां हो चुकी हैं।

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जिलाधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि अतिक्रमण हटाने के दौरान सुरक्षा के लिए पीएसी, पैरामिलिट्री के लिए शौचालय और बाथरूम की आवश्यकता होगी और इसके लिए लोनिवि के अधिशासी अभियंता को टेंडर के लिए आदेश दे दिए गए हैं। 23 करोड़ रुपए में सबसे अधिक खर्चा पुलिस टीम के वाहन एवं भोजन पर होगा। 1 महीने तक चलने वाले इस अभियान में सुरक्षाकर्मियों के लिए वाहन और उनकी भोजन व्यवस्था के लिए 18.50 करोड रुपए का आकलन किया गया है। वहीं अतिक्रमण पर याचिका दर्ज करने वाले याचिकाकर्ता रविशंकर जोशी को भी सुरक्षा उपलब्ध कराई जाएगी। दरअसल गौलापार निवासी आरटीआई कार्यकर्ता रवि शंकर जोशी ने ही कोर्ट में रेलवे की 29 एकड़ जमीन पर पिछले 40 वर्षों से हो रखे अतिक्रमण के खिलाफ आवाज उठाई थी। इस समय इस जगह पर 4,365 परिवार अतिक्रमण कर निवास कर रहे हैं।