रुद्रप्रयाग: Rishikesh Karnprayag rail project प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट। इस परियोजना से चारधाम यात्रा के सुविधाजनक होने के दावे किए जा रहे हैं, लेकिन चुनौतियां कई हैं।
Rishikesh Karnprayag rail project cracks in many houses
कई जगह से परियोजना को लेकर लगातार शिकायतें आ रही हैं। रेल परियोजना के लिए सुरंगें बनाई जा रही हैं, जिसके लिए पहाड़ों में विस्फोट किया जा रहा है। इससे कई गांव में आवासीय भवनों पर दरारें पड़ गई हैं। रुद्रप्रयाग के नरकोटा गांव में भी यही हो रहा है। यहां कई मकानों में दरारें साफ देखी जा सकती हैं। आशियाना ढहने की कगार पर पहुंचा तो गांव की महिलाओं का गुस्सा रेल विकास निगम पर फूट पड़ा। टनलों के भीतर भयानक डायनामाइट विस्फोटों से आवासीय भवनों को भारी क्षति पहुंचने से परेशान ग्रामीणों ने रेल परियोजना का कार्य रोक दिया। मौके पर पहुंची महिलाओं ने आरबीएनएल के अधिकारियों को जमकर खरी खोटी सुनाई। मेघा कंपनी पर और भी कई गंभीर आरोप लगाए। महिलाओं ने कहा कि कंपनी उड़ीसा, हैदराबाद समेत अन्य प्रदेशों से लोगों को लाकर रोजगार दे रही है, जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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टनल निर्माण स्थल पर पहुंची महिलाओं ने कहा कि लगातार हो रहे विस्फोट से उनके घरों में दरारें पड़ गई हैं, उस पर आरबीएनएल गलत रिपोर्ट बनाकर गुमराह कर रहा है। प्रशासनिक अधिकारी भी इस बात को जानते हैं, लेकिन उन्होंने अपनी रिपोर्ट में घरों को हुए नुकसान का जिक्र तक नहीं किया। गांव के सार्वजनिक रास्ते तोड़ दिए गए हैं, प्राकृतिक गदेरों को डंपिंग जोन बना दिया गया है। ग्राम पंचायत को प्रदूषण भत्ता व चारापत्ती का मुआवजा तक नहीं दिया गया। उस पर मेघा कंपनी बाहरी प्रदेशों से अपने लोगों को लाकर रोजगार देकर उन्हें फायदा पहुंचा रही है। ग्रामीणों ने कहा कि मामले को लेकर जल्द ही जिलाधिकारी के सामने आरबीएनएल और ठेकेदार से बातचीत की जाएगी। ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान नहीं होता है तो ग्रामीण आमरण अनशन करने के लिए मजबूर होंगे। अन्याय किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। Rishikesh Karnprayag rail project से चारधाम यात्रा के सुविधाजनक होने के दावे किए जा रहे हैं, लेकिन चुनौतियां कई हैं।