उत्तराखंड पिथौरागढ़Protest of Agneepath scheme in Uttarakhand

उत्तराखंड: अग्निपथ योजना के विरोध में बेरोजगार..देहरादून में फाड़े पोस्टर, पिथौरागढ़ में रोड जाम

देहरादून में बेरोजगारों ने बीजेपी के पोस्टर-बैनर फाड़ दिए तो वहीं पिथौरागढ़ में युवाओं ने रोड जाम कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।

agneepath yojna uttarakhand : Protest of Agneepath scheme in Uttarakhand
Image: Protest of Agneepath scheme in Uttarakhand (Source: Social Media)

पिथौरागढ़: केंद्र सरकार ने सेना भर्ती को लेकर अग्निपथ योजना लांच की है, जिसका देश के कई राज्यों में विरोध हो रहा है।

Agneepath scheme protest in uttarakhand

जगह-जगह से बवाल की खबरें आ रही हैं, और इससे उत्तराखंड भी अछूता नहीं है। यहां देहरादून में बेरोजगार युवाओं ने अग्निपथ योजना के खिलाफ सड़कों पर उतर कर विरोध-प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने जगह-जगह लगे बीजेपी के पोस्टर-बैनर फाड़ दिए। सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की। पिथौरागढ़ में युवाओं ने सिल्थाम में जाम लगाया। हालांकि अग्निपथ योजना को लेकर जो भ्रम की स्थिति बनी हुई है, उसे दूर करने के लिए सेना की ओर से विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। अग्निपथ योजना के तहत अग्निवीरों की भर्ती प्रक्रिया 90 दिन बाद शुरू हो जाएगी। इससे पहले सैन्य प्रबंधन दूर-दराज के क्षेत्रों तक पहुंचकर युवाओं को जागरूक करेगा। क्लेमेंटटाउन स्थित सेना की 14 इंफ्रेंट्री डिवीजन (गोल्डन की डिवीजन) के जनरल ऑफिसर कमांडिंग मेजर जनरल जीएस चौधरी ने भी योजना को क्रांतिकारी बताया है।

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एक प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने कहा कि योजना को लेकर हमारी पहली कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा जागरुकता पैदा की जाए। स्कूल, कॉलेज, एनसीसी के जरिए युवाओं को इस योजना के बारे में बताया जाएगा। भर्ती प्रक्रिया पुरुष व महिला दोनों के लिए होगी। चयन सेना द्वारा निर्धारित कड़े मापदंडों पर ही होगा। पहली भर्ती में देशभर से 40 हजार युवाओं को बतौर अग्निवीर सेना में भर्ती किया जाएगा। योग्यता व जरूरत पर 25 फीसदी तक युवा रेगुलर कैडर के लिए चयनित होंगे। अगर कोई चार साल सेना में काम कर लेगा तो उसकी प्रोफाइल मजबूत बन जाएगी और सरकारी या गैर सरकारी क्षेत्र ऐसे युवाओं को नौकरी देने में प्राथमिकता देंगे। कोशिश है कि पहली भर्ती प्रक्रिया अगले तीन माह के अंतर्गत की जाए। चयनितों को पहले छह माह का प्रशिक्षण दिया जाएगा, उसके बाद अगले साढ़े तीन साल वह सेना में तैनात रहेंगे। चार साल पूरे होने पर अग्निवीरों को स्थायी होने के लिए स्वेच्छा से आवेदन करने का अवसर मिलेगा। इस योजना से ज्यादा से ज्यादा युवाओं को सेना में भर्ती होने का मौका मिलेगा।