श्रीनगर गढ़वाल: उत्तराखंड साहित्य के क्षेत्र में भी तेजी से आगे बढ़ रहा है।
film on the story of Professor Manjula of HNB
यहां के साहित्यकार भी अपने शब्दों का जादू बिखेर कर लोगों का दिल जीत रहे हैं। गढ़वाल विवि की हिंदी विभाग की प्रोफेसर मंजुला ने भी समस्त देवभूमि का नाम रौशन किया है। उनकी लिखी कहानी पर जल्द ही एक फिल्म बनने जा रही है। जी हां, प्रोफेसर मंजुला की कहानी 'उजास कहां है'' पर फिल्म बनेगी। हिमाचल प्रदेश के शिमला में चल रहे अंतरराष्ट्रीय साहित्य उत्सव 'उन्मेष' के अवसर पर ख्याति प्राप्त गीतकार गुलजार गौतम घोष, विनोद भारद्वाज, सोनल मानसिंह एवं प्रो राणा की कहानी को भी फिल्म के लिए चयनित किया। आगे पढ़िए
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दरअसल इन दिनों शिमला में आजादी के अमृत महोत्सव के तहत अंतरराष्ट्रीय साहित्य उत्सव उन्मेष चल रहा है। इस कार्यक्रम में भारत समेत 15 देशों के लेखक, कवि और कलाकारों के प्रतिनिधित्व में विभिन्न साहित्यिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इसके तहत एक कार्यक्रम में ख्याति प्राप्त लेखकों ने भी अपनी रचनाओं का पाठ किया। इस कार्यक्रम में हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय से प्रो मंजुला राणा ने भी हिस्सा लिया। उन्होंने भी अपनी कहानी 'उजास कहां है' का पाठ किया। उजास कहानी पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वाली एक मां की दर्द भरी कहानी है, जो पलायन कर चुके अपने बेटे के इंतजार में है। इस कहानी पर जल्द ही फिल्म बनने जा रही है।