उत्तराखंड हल्द्वानीbody of martyr Chandrashekhar Harbola reached home after 38 years

38 साल बाद घर पहुंचा उत्तराखंड के वीर सपूत का पार्थिव शरीर, नम आंखों से हुई आखिरी विदाई

ऑपरेशन मेघदूत के दौरान आए एवलॉन्च में शहीद हुए लांस नायक martyr Chandrashekhar Harbola का पार्थिव शरीर उनके घर पर पहुंच गया है।

chandrashekhar harbola martyr: body of martyr Chandrashekhar Harbola reached home after 38 years
Image: body of martyr Chandrashekhar Harbola reached home after 38 years (Source: Social Media)

हल्द्वानी: हल्द्वानी के डहरिया निवासी सियाचिन में ऑपरेशन मेघदूत के दौरान आए एवलॉन्च में शहीद हुए लांस नायक चंद्रशेखर हर्बोला का पार्थिव शरीर उनके घर पर पहुंच गया है।

martyr Chandrashekhar Harbola body reached home after 38 years

आपको बता दें कि 1984 में सियाचिन ग्लेशियर में भारतीय सेना के ऑपरेशन मेघदूत Operation Meghdoot के दौरान शहीद चंद्रशेखर हरबोला लापता हो गए थे। उनकी बैच संख्या 5164584 थी। 38 साल बाद उनका पार्थिव शरीर बर्फ के नीचे बरामद हुआ। इसकी सूचना जैसे ही उनकी पत्नी को मिली, वह फूट फूटकर रो पड़ीं। वो यादें, जो धुंधली पड़ गई थी ..अचानक से ताजा हो गई। शहीद चंद्रशेखर हरबोला आज जीवित होते तो 66 वर्ष के होते। उनके परिवार में उनकी 64 वर्षीय पत्नी शांता देवी, दो बेटियां कविता, बबीता और उनके बच्चों ने अंतिम दर्शन किए। आपको बता दें कि दुनिया के सबसे दुर्गम युद्धस्थल सियाचिन ग्लेशियर पर कब्जे की सूचना पर ऑपरेशन मेघदूत के तहत श्रीनगर से भारतीय जवानों की कंपनी पैदल सियाचिन के लिए निकली थी। इस लड़ाई में प्रमुख भूमिका 19 कुमाऊं रेजीमेंट ने निभाई थी। इस दौरान चन्द्रशेखर हरबोला Chandrashekhar Harbola शहीद हो गए थे।