उत्तराखंड पौड़ी गढ़वालCloudburst in Uttarakhand 4 people killed many missing

उत्तराखंड का काला शनिवार: भारी बारिश से 4 मौत, कई लोग जिंदा दफन..कई लापता, कई बेघर

uttarakhand के विभिन्न हिस्सों में बादल फटने cloudburst और भूस्खलन की घटनाओं में चार लोगों की मौत हुई है, 13 लोग घायल हुए हैं तथा 12 लोग लापता हैं।

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Image: Cloudburst in Uttarakhand 4 people killed many missing (Source: Social Media)

पौड़ी गढ़वाल: उत्तराखंड में लगातार जारी बारिश के बीच हर तरफ उफनती नदियों और नदी में समाते पुलों की तस्वीरें दिख रही हैं।

Cloudburst in Uttarakhand 4 killed

उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों में बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं में चार लोगों की मौत हुई है, 13 लोग घायल हुए हैं तथा 12 लोग लापता हैं। 5 गौशाला क्षतिग्रस्त हुई हैं तथा 78 पशु हानि हुई है। राज्य में राहत और बचाव का कार्य जारी है बीती रात देहरादून के रायपुर क्षेत्र में तबाही का बादल फट गया, जिसने यहां जमकर आफत मचाई। सौंग नदी पर बना पुल भी नदी में आए उफान की भेंट चढ़ गया। जिस वक्त ये हादसा हुआ, उस वक्त दो स्कूटी सवार युवक पुल से गुजर रहे थे, लेकिन वो कुछ समझ पाते उससे पहले ही स्कूटी पुल के टूटे हिस्से से फिसलती हुई नदी के उफान में जा गिरी। हादसे में एक युवक किसी तरह बचकर नदी से बाहर आ गया, लेकिन उसके साथी का अब तक पता नहीं चल सका है। आगे पढ़िए

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हादसे में जिंदा बचे युवक के चेहरे पर अब भी खौफ साफ देखा जा सकता है। उसने बताया कि जन्माष्टमी की रात वो अपने भाई के साथ स्कूटी से घर लौट रहा था। पुल से गुजरते वक्त वो पुल का टूटा हुआ हिस्सा देख नहीं पाए और अंधेरे में उनकी स्कूटी नदी में समा गई। अगर सौंग नदी पर बना यह पुल दिन में टूटता, तो कई लोग इसकी जद में आ सकते थे। पुल का करीब 30 से 40 मीटर का हिस्सा बह गया है। नजारा बेहद खौफनाक है। बादल फटने के बाद मालदेवता इलाके में कई रेस्टोरेंटों और मकानों में पानी भर गया। कई पुल और पुलिया पानी के बहाव में बह गए। इनमें सौंग नदी पर बना पुल भी शामिल है। एक वक्त था जब इस पुल को सेल्फी प्वाइंट के रूप में जाना जाता था, लेकिन अब ये पुल मौत का कुआं बन चुका है। देहरादून को जौलीग्रांट एयरपोर्ट से जोड़ने वाला यह वैकल्पिक रास्ता है और स्थानीय लोगों के साथ चारधाम यात्रा पर निकलने वाले टूरिस्ट इससे गुजरते हैं।

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इसके साथ ही इस पर अक्सर वीवीआईपी मूवमेंट भी रहता है। सौंग नदी से सटे गांवों में बारिश से काफी तबाही हुई है। कुमाल्डा में कई मवेशियों और कुछ मकानों के भी बहने की खबर है। बता दें कि पिछले साल देहरादून और ऋषिकेश के बीच रानीपोखरी में जाखन नदी पर बना पुल भी नदी में समा गया था। फिर रायपुर-थानो मार्ग को जोड़ने वाले नए पुल का हिस्सा धसकने की घटना सामने आई। देहरादून-ऋषिकेश रोड पर लच्छीवाला में नए बने पुल का भी एक हिस्सा टूट गया था। शासन इन घटनाओं के लिए बारिश को जिम्मेदार बताता रहा है, लेकिन लोगों की मानें तो प्रदेश के पुल मौसम नहीं बल्कि अवैध खनन और पीडब्ल्यूडी की लापरवाही के चलते टूट रहे हैं। इन घटनाओं की गहन जांच होनी चाहिए।