देहरादून: उत्तराखंड में हमेशा से ही मदरसों की शिक्षा व्यवस्था एवं अवैध रूप से संचालन पर सवाल उठ रहे हैं। आखिरकार राज्य सरकार ने इसपर योगी आदित्यनाथ की तरह कड़ी कार्यवाही करनी शुरू कर दी है।
survey of madrasas in uttarakhand
अब उत्तराखंड के सभी मदरसों की गतिविधियों का सर्वे किया जाएगा। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने इस मामले में बड़ा बयान जारी करते हुए कहा कि सभी मदरसों का सर्वे किया जाएगा। इन्हें लेकर लगातार शिकायतें आ रही हैं। उन्होंने चिंता जताते हुए कहा कि इन्हें लेकर लगातार शिकायतें आ रही हैं। ऐसे में इनकी जांच कराई जानी बेहद जरूरी हो गई है। सीएम धामी ने सचिवालय में मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में मदरसों के कामकाज, गतिविधियों को लेकर लगातार शिकायतें आ रही हैं। इन शिकायतों को राज्य सरकार गंभीरता से ले रही है। इसके लिए सभी मदरसों की जांच होगी। यूपी की तर्ज पर सभी मदरसों का सर्वे किया जाएगा। इसके लिए जांच प्रक्रिया शुरू की जाएगी। आगे पढ़िए
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चलिए बताते हैं कि ऐसी क्या वजह रही है कि सरकार को मदरसों की गतिविधियों पर नजर रखनी पड़ी। आपको बता दें कि मदरसों पर सीएम के बयान से ठीक एक दिन पहले सोमवार को भाजपा के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता एवं उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के नवनियुक्त अध्यक्ष शादाब शम्स ने सीएम धामी से उत्तर प्रदेश की तर्ज पर मदरसों के सर्वे की मांग की थी। अपनी मांग के समर्थन में शादाब शम्स ने कहा था कि उत्तराखंड में एक बोर्ड के अधीन 103 मदरसे हैं। जल्द ही इनका सर्वे शुरू किया जाएगा। उनका मानना है कि सरकार से मिलने वाली मदद का मदरसे कितना और कैसा उपयोग कर रहे हैं, ये देखा जाना जरूरी है। और उनकी मांग पर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने हामी भरते हुए कहा कि राज्य में मदरसों के सर्वे की जरूरत है। इस बारे में जल्द ही पूरी रणनीति बना ली जाएगी।