देहरादून: प्रदेश में शिक्षकों की तबादला नीति को लेकर जब-तब बहस होती रही है। मैदान में डटे शिक्षक पहाड़ नहीं चढ़ना चाहते। कई बार पहाड़ में तैनाती से बचने के लिए तरह-तरह के बहाने बनाए जाते हैं, पहुंच का इस्तेमाल किया जाता है। अब ऐसा नहीं होगा।
Uttarakhand Education Department transfer policy
उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के लिए नई तबादला नीति तैयार हो गई है। शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने 16 पेज की नई तबादला नीति का ड्राफ्ट सरकार को भेज दिया है। अब इसे कैबिनेट में लाया जाएगा। नई नीति के तहत 150 अंकों में सर्वाधिक अंक पाने वाले शिक्षक का दुर्गम से सुगम में तबादला होगा। सबसे कम अंक वाले शिक्षक को दुर्गम क्षेत्र में साढ़े 11 साल सेवा देनी होगी। पहाड़ के दुर्गम स्कूलों में 11 साल छह महीने सेवाएं देने के बाद शिक्षक सुगम क्षेत्र में तबादले का पात्र हो जाएगा। नीति में राज्य को आठ जोन में बांटा गया है। तबादला प्रक्रिया एक जनवरी से शुरू होगी और 31 मार्च तक तबादला आदेश जारी होंगे। इसमें 150 अंक तय किए गए हैं। अंक का निर्धारण कैसे होगा, ये भी बताते हैं। आगे पढ़िए
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इसमें सबसे ज्यादा 60 अंक उम्र के लिए हैं। इसके बाद माध्यमिक शिक्षकों के बोर्ड परीक्षा के प्रदर्शन, व्यायाम शिक्षक के लिए छात्रों के जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन, बेसिक शिक्षकों को छात्रों के शैक्षिक विकास के लिए 20-20 अंकों में से अंक दिए जाएंगे। उम्रदराज शिक्षकों को इसमें राहत दी गई है। 31 मार्च को 55 साल या अधिक आयु के शिक्षक इस नीति के दायरे में नहीं आएंगे। अटल स्कूल, डायट, एससीईआरटी, सीमेट, निदेशालयों में कार्यरत शिक्षकों के तबादले इसी नीति से किए जाएंगे। तबादला नीति में अलग-अलग वर्गों में छूट का प्रावधान भी है। 40 साल से अधिक आयु की अविवाहित, विधवा, तलाकशुदा, परित्यक्ता महिला को 10 अंक दिए जाएंगे। 50 साल से अधिक आयु के पुरुष शिक्षक को भी 10 अंक मिलेंगे। सेना, पैरामिलिट्री फोर्स में प्रदेश से बाहर तैनात या पति या पत्नी, राज्य सरकार के विभाग, निगम आदि में कार्यरत दंपति को भी 10 अंक का वेटेज मिलेगा। शिक्षा विभाग में कार्यरत पति-पत्नी को 20 अंक अतिरिक्त दिए जाएंगे। यह सुविधा केवल एक बार ही मिलेगी। दिव्यांग शिक्षक को अधिकतम 20 अंक का वेटेज मिलेगा। इसके अलावा शिक्षक की अधिकतम सेवा अवधि 35 साल मानते हुए हर जोन में दो से पांच वर्ष सेवा अनिवार्य की गई है। पर्वतीय जोन में एक साल की अवधि को दो साल, पौने दो साल, डेढ़ साल और सवा साल के समान माना जाएगा। इससे शिक्षक साढ़े 11 साल में तबादले का पात्र हो जाएगा। पहले यह अवधि 23 साल थी। मैदानी क्षेत्र में हर शिक्षक को अधिकतम 12 साल ही रहना होगा। शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने बताया कि तबादला नीति का ड्राफ्ट शासन को भेज दिया गया है। इसमें जोन का निर्धारण डीएम की अध्यक्षता में गठित समिति करेगी।