उत्तराखंड देहरादूनDehradun Delhi Expressway Wildlife Corridor

देहरादून-दिल्ली एक्सप्रेस-वे दुनिया के लिए मिसाल बनने वाला है, अद्भुत होगा ये नज़ारा

एक्सप्रेस-वे Dehradun Delhi Expressway के तहत एशिया के सबसे लंबे और ऊंचे वन्यजीव गलियारे का निमार्ण किया जा रहा है।दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे के निर्माण में वन्यजीवों का विशेष ध्यान रखा जाएगा।

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Image: Dehradun Delhi Expressway Wildlife Corridor (Source: Social Media)

देहरादून: दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे का जोरों शोरों से निर्माण हो रहा है। वहीं इस निर्माण के बीच वन्यजीवों का विशेष ध्यान रखा जा रहा है।

Dehradun Delhi Expressway Wildlife Corridor

इस बात का पूरा ध्यान रखा जा रहा है कि वन्यजीवों को इस निर्माण कार्य से कोई भी समस्या ना हो। राजाजी नेशनल टाइगर रिजर्व क्षेत्र में परियोजना से होने वाले दुष्परिणामों को कम करने के लिए अधिक से अधिक ग्रीन एरिया को बढ़ाया जाएगा। इसके साथ ही एक्सप्रेस-वे में निश्चित दूरी पर एंबुलेंस तैनात की जाएंगी। दरअसल क्रासिंग के दौरान मोटर वाहनों से टकराने पर कई वन्यजीवों की मौत हो चुकी है इसलिए भविष्य में अगर कभी हादसा होता है तो घायल पशु को समय पर रेस्क्यू सेंटर पहुंचाया जा सके। परियोजना के तहत पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट की ओर से बनाई गई ओवरसाइट कमेटी भी इस पर बराबर नजर रख रही है। बीते दिनों नई दिल्ली में कमेटी के अध्यक्ष वन महानिदेशक व विशेष सचिव चंद्र प्रकाश गोयल की अध्यक्षता में हुई बैठक में परियोजना के तमाम पहलुओं पर चर्चा की गई। इस बैठक में उत्तराखंड वन विभाग और एनएचएआई के अधिकारियों ने भी भाग लिया।

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एक्सप्रेस-वे के तहत एशिया के सबसे लंबे और ऊंचे वन्यजीव गलियारे का निमार्ण किया जा रहा है। यह एशिया का सबसे लंबा वन्य जीव गलियारा होगा जिसकी लंबाई 12 किमी है। इसके साथ ही इसमें 340 मीटर की डाट काली सुरंग भी शामिल है। बैठक में अधिकारियों ने बताया कि पूरे एरिया को ग्रीन कवर करने के लिए ईको रेस्टोरेशन प्लान पर काम किया जा रहा है। वहीं वन्यजीव गलियारे का आखिरी 20 किमी का हिस्सा राजाजी टाइगर रिजर्व पर्यावरण-संवेदनशील क्षेत्र से होकर गुजरता है, जहां मोबाइल कनेक्टिविटी की दिक्कत है। इस दिक्कत को दूर करने के लिए भी बैठक में चर्चा की गई है। एनएचएआई के अधिकारियों से फ्लाईओवर के साथ ही छोटे-छोटे मोबाइल टावर लगाने के निर्देश दिए गए। इसी क्षेत्र में 340 मीटर लंबी डाट काली सुरंग भी शामिल है, जिसका काम पूरा कर लिया गया है। इसके अलावा फ्लाई ओवर में लाइट एवं साउंड बैरियर भी लगाए जाएंगे। करीब 12,300 करोड़ की लागत से बनने वाले 210 किमी लंबे एक्सप्रेस-वे को दिसंबर 2023 तक पूरा किया जाना है।