नैनीताल: उत्तराखंड के जोशीमठ में हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं।
Landslide can occur anytime in Nainital
केवल जोशीमठ ही नहीं उत्तराखंड के कई क्षेत्र खतरे की जद में हैं जिनमें नैनीताल भी शामिल है। जी हां, जोशीमठ जैसा डर नैनीताल पर भी है, जिससे हजारों की आबादी खतरे में है। बलियानाले के कटाव से पूरे क्षेत्र में खतरा है जिससे मकानों का धराशायी होने का खतरा पल-पल बना हुआ है।नैनीताल का पांव कहे जाने वाला बलियानाला रोज टूट रहा है, जिससे यहां रहने वाले लोगों में पल-पल डर सता रहा है। दरअसल, बलियानाले की इसी पहाड़ी पर समूचे नैनीताल का अस्तित्व टिका हुआ है। पिछले कुछ सालों में यहां तेजी से कटाव हो रहा है। आगे पढ़िए
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हाईकोर्ट के आदेश के बाद हाई पावर कमेटी का गठन हुआ, तो सरकार को भी हाईकोर्ट ने बड़े आदेश ट्रीटमेंट के लिए दिए। कोरोना के दौरान जापानी कम्पनी काम छोड़कर चली गई, तो पुणे की कम्पनी जेन्स-टू ने 200 करोड़ की डीपीआर सरकार को दी। सरकार ने भी इसको महीने भर पहले पैसा स्वीकृत कर लिया है। वहीं जोशीमठ की बात करें तो उत्तराखंड के जोशीमठ में हर बीतते दिन के साथ हालात और खराब होते जा रहे हैं। सड़कों, मकानों और होटलों में दरारें चौड़ी होती जा रही हैं।।भू-धंसाव से जूझ रहे जोशीमठ के लिए मौसम विभाग ने भी परेशान करने वाली खबर दी है। मौसम विभाग की मानें तो जोशीमठ समेत उत्तराखंड के अन्य पहाड़ी इलाकों में अगले चार दिन तक लगातार बारिश हो सकती है जिससे परेशानियां और अधिक बढ़ सकती हैं।