उत्तरकाशी: साल 2015 में नकल सिंडिकेट को पैसा देकर दरोगा बनने वाले 20 पुलिसकर्मी बीते दिनों सस्पेंड कर दिए गए।
20 police inspectors may be suspended in Uttarakhand
ये सभी जांच में संदिग्ध पाए गए थे। इनके सस्पेंशन के बाद वो सभी दरोगा डरे हुए हैं, जो सांठ-गांठ कर दरोगा बने थे, क्योंकि अब इन पर भी कार्रवाई की तलवार लटक रही है। विजिलेंस ने ऐसे 15 से 20 दरोगाओं को चिन्हित किया है। इन पर मोटी रकम देकर नकल करने का आरोप है। ये भी पता चला है कि इन दरोगाओं में से कुछ नकल माफिया हाकम सिंह और केंद्रपाल सिंह के साथ संपर्क में थे। विजिलेंस की जांच में दरोगा भर्ती को लेकर कई खुलासे हुए हैं। कई दरोगा ऐसे पाए गए हैं, जिनके शैक्षणिक दस्तावेज जाली हैं। इन्होंने 10वीं, 12वीं और ग्रेजुएशन की नकली मार्कशीट लगाई हुई है। आगे पढ़िए
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बता दें कि जुलाई 2022 में यूकेएसएसएससी भर्ती की धांधली का पर्दाफाश होने के बाद एसटीएफ के हत्थे चढ़े पंतनगर विवि के सेवानिवृत्त अधिकारी दिनेश चंद्र ने दारोगा भर्ती धांधली के बारे में अहम जानकारी दी थी। इसके बाद विजिलेंस ने 12 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था। शुरुआती जांच में 20 दरोगाओं के खिलाफ सबूत मिले। जिसके बाद पुलिस मुख्यालय ने इनके खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की। अब विजिलेंस ने 15 से 20 दरोगाओं की छंटनी कर ली है। इनके नाम का खुलासा जल्द किया जाएगा, इनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि कांग्रेस के शासनकाल में हुई दरोगा भर्ती पहले से विवादों में रही है, भर्ती के तुरंत बाद भर्ती में धांधली की शिकायत मिली थी, लेकिन हर बार मामला दबा दिया गया।
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