चमोली: भूधंसाव से जूझ रहे जोशीमठ के निवासी अपने भविष्य को लेकर चिंता में हैं। हालांकि राज्य सरकार स्थानीय लोगों के पुनर्वास के लिए हर जरूरी कदम उठा रही है।
Joshimath rehabilitation policy approved
इसी कड़ी में धामी कैबिनेट ने जोशीमठ पुनर्वास पॉलिसी को मंजूरी दे दी है। इस पॉलिसी के तहत जोशीमठ में जमीन में आई दरारों की वजह से प्रभावित हुए परिवार को मुआवजा दिया जाएगा। जोशीमठ पुनर्वास योजना को तीन हिस्सों में बांटा गया है, जो है- दर, विकल्प और परिस्थिति। दर कैटेगरी में सीपीडब्ल्यूडी की तरफ से तय रेट के अनुसार मुआवजा दिया जाएगा। प्रभावित इमारतों की दर का कैलकुलेशन सीपीडब्ल्यूडी के स्टैंडर्ड नियमों के मुताबिक किया गया है। इसमें आरसीसी घरों के लिए 36000 रुपये प्रति स्क्वैर मीटर और लोड बेयरिंग घरों के लिए 31000 रुपये प्रति स्क्वैर मीटर के हिसाब से दर तय की गई है। कमर्शियल बिल्डिंग की बात करें तो आरसीसी निर्माण के लिए 45000 हजार रुपये प्रति स्क्वैर मीटर और लोड बेयरिंग निर्माण के लिए 39000 रुपये प्रति स्क्वैर मीटर की दर से रकम तय की गई है। आगे पढ़िए
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Joshimath rehabilitation policy
घर के मालिकों को तीन विकल्प दिए गए हैं। या तो वो मुआवजा ले सकते है या फिर 75 वर्ग मीटर की जमीन। अगर जोशीमठ में उनकी मौजूदा जमीन 75 स्क्वायर मीटर से अधिक है तो उन्हें अतिरिक्त जमीन का मुआवजा दिया जाएगा। इसके साथ ही अगर कोई घर का निर्माण करा पाने में सक्षम नहीं है तो राज्य की तरफ से उनके लिए यह निर्माण कराया जाएगा। दुकान के मालिकों को क्षतिग्रस्त हुए निर्माण का मुआवजा क्लेम करने या फिर 15 स्क्वैर मीटर की जमीन लेने का विकल्प दिया गया है। इस तरह राज्य की तरफ से घरों और दुकानों को मुआवजा दिए जाने की घोषणा हुई है, जबकि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अथॉरिटी (NDMA) की तरफ से जमीन के मुआवजे से संबंधित रिपोर्ट का अभी भी इंतजार है। व्यावसायिक भवनों का मुआवजा स्लैब बनाकर केदारनाथ की तर्ज पर दिया जाएगा। मुआवजे से असंतुष्ट प्रभावित व्यक्ति अपर जिलाधिकारी चमोली की अध्यक्षता में गठित समिति के समक्ष अपील कर सकता है।