उत्तराखंड रुद्रपुरBulldozer action section 144 implemented in Rudrapur

उत्तराखंड के इस शहर में गरजा बुलडोजर, 125 दुकानें ध्वस्त..इलाके में धारा 144 लागू

इस दौरान 125 दुकानों को ध्वस्त किया गया। ये दुकानें सालों से अस्तित्व में थी, लेकिन इन्हें ढहाने में महज तीन घंटे का वक्त लगा।

rudrapur Bulldozer section 144: Bulldozer action section 144 implemented in Rudrapur
Image: Bulldozer action section 144 implemented in Rudrapur (Source: Social Media)

रुद्रपुर: रुद्रपुर में एनएच-87 के चौड़ीकरण के लिए प्रशासन ने अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया।

Section 144 implemented in Rudrapur

इस दौरान 125 दुकानों को ध्वस्त कर दिया गया। ये दुकानें सालों से अस्तित्व में थी, लेकिन इन्हें ढहाने में महज तीन घंटे का वक्त लगा। कांग्रेस नेता और स्थानीय व्यापारी अतिक्रमण हटाने का विरोध कर रहे थे, यही वजह है कि जिले के साथ ही कुमाऊं भर से पुलिस और पीएसी मुस्तैद करनी पड़ी, तब कहीं जाकर अतिक्रमण हटाया जा सका। क्षेत्र में धारा 144 लागू की गई थी। साथ ही पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल समेत 9 से अधिक लोगों को हिरासत में लेकर नजरबंद कर दिया गया था। बता दें कि एनएच 87 के चौड़ीकरण के लिए अधिगृहित भूमि पर एनएचएआई को कब्जा दिलाने के लिए यहां से दुकानें हटाई जानी जरूरी थीं। गुरुवार रात पुलिस लाइन में जिला और पुलिस प्रशासन अधिकारियों की बैठक हुई थी। जिसके बाद रात को ही प्रशासन ने धारा 144 भी लागू कर दी थी।

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व्यापारियों के विरोध के चलते कार्रवाई में खलल न पड़े, इसे देखते हुए सुबह पांच बजे से ही पुलिस की टीमों ने पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल, प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष संजय जुनेजा, कांग्रेस महानगर अध्यक्ष जगदीश तनेजा, पूर्व पालिकाध्यक्ष मीना शर्मा, विधायक किच्छा तिलक राज बेहड़ के पुत्र गौरव बेहड़, अनिल शर्मा, संजय ठुकराल, हरीश अरोरा, तजेंद्र सिंह विर्क को हिरासत में लेकर नजर बंद कर दिया था। इसके बाद सुबह 8 बजे से डीडी चौक से नगर निगम तक 125 दुकानों को ध्वस्त किया। राममनोहर लोहिया मार्केट में 87 दुकानें हैं जो करीब 35 से 40 साल से एनएच की जमीन पर बनी हैं। इस दौरान डीडी चौक से इंदिरा चौक तक का क्षेत्र छावनी बना रहा। बता दें कि गुरुवार रात को तमाम व्यापारियों ने प्रशासन की कार्रवाई के विरोध में प्रदर्शन का ऐलान किया था, लेकिन कार्रवाई के दौरान कोई भी व्यापारी-नेता मौके पर नहीं पहुंचा।