देहरादून: शिक्षा से लेकर खेल के मैदान तक हर क्षेत्र में पुरुषों को चुनौती देने वाली उत्तराखंड की मातृशक्ति रफ्तार के मामले में काफी पीछे है।
Uttarakhand Women lacking in terms of driving
साक्षरता दर में राष्ट्रीय औसत को पीछे छोड़ चुकी प्रदेश की महिलाएं आज भी सड़कों पर वाहन चलाते कम ही नजर आती हैं। महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं, लेकिन कार, स्कूटी और बाइक की रफ्तार से वो आज भी कोसो दूर हैं। उत्तराखंड में वाहनों के ड्राइविंग लाइसेंस धारकों के ताजा आंकड़े इसकी पुष्टि कर रहे हैं। प्रदेश में कुल जारी 29 लाख 38 हजार 799 लाइसेंस में महिलाओं का प्रतिशत 11 से 12 फीसदी तक ही है। वर्तमान में राज्य में महिला ड्राइविंग लाइसेंस धारकों की संख्या 3 लाख 1 हजार 86 है। केवल देहरादून आरटीओ रीजन ही ऐसा है, जहां 20 फीसदी महिलाओं के पास लाइसेंस है। मैदानी क्षेत्रों में ऊधमसिंहनगर, हरिद्वार और नैनीताल में भी यह अनुपात काफी कम है। साल 2011 की जनगणना के अनुसार महिलाओं की संख्या 49 लाख 48 हजार 519 है, इससे अगर ड्राइविंग लाइसेंस की तुलना की जाए तो यह 6 प्रतिशत ही होता है। आगे पढ़िए
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साक्षरता दर के मामले में प्रदेश की महिलाएं पुरुषों से महज 17 फीसदी पीछे हैं, लेकिन परिवहन के मामले में ये आंकड़ा 82 फीसदी है। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार उत्तराखंड में महिला साक्षरता का प्रतिशत 70 फीसदी है, जो कि राष्ट्रीय औसत 65.46 प्रतिशत से काफी आगे है। महिला लाइसेंस धारकों को लेकर सामने आए आंकड़ों ने अधिकारियों को भी हैरान कर दिया है। इस संबंध में संयुक्त परिवहन आयुक्त एसके सिंह ने कहा कि निसंदेह ये आंकड़े काफी चौंकाने वाले हैं, इनका अध्ययन किया जा रहा है। उत्तराखंड में ड्राइविंग लाइसेंस के आंकड़े
देहरादून आरटीओ में 450050 पुरुष, 92538 महिलाएं, 231 ट्रांसजेंडर रजिस्टर्ड हैं
कर्णप्रयाग आरटीओ में 60658 पुरुष, 6550 महिलाएं, 33 ट्रांसजेंडर रजिस्टर्ड हैं
पौड़ी आरटीओ में 61112 पुरुष, 92538 महिलाएं, 13 ट्रांसजेंडर रजिस्टर्ड हैं
अल्मोड़ा आरटीओ में 106665 पुरुष, 7319 महिलाएं, 06 ट्रांसजेंडर रजिस्टर्ड हैं
हल्द्वानी आरटीओ में 481758 पुरुष, 41742 महिलाएं, 29 ट्रांसजेंडर रजिस्टर्ड हैं
यूएसनगर आरटीओ में 225839 पुरुष, 14497 महिलाएं, 35 ट्रांसजेंडर रजिस्टर्ड हैं