उत्तराखंड देहरादूनFraud in appointments in Uttarakhand Jal Nigam

उत्तराखंड जल निगम में कई इंजीनियरों की नौकरी खतरे में, 18 साल पहले फर्जीवाड़े से हुई थी नियुक्ति

18 साल पहले जल निगम में 12 से ज्यादा इंजीनियरों की भर्ती हुई थी। ये सभी साल दर साल प्रमोशन पाकर ऊंचे पदों पर पहुंचते रहे।

Uttarakhand Jal Nigam Fraud: Fraud in appointments in Uttarakhand Jal Nigam
Image: Fraud in appointments in Uttarakhand Jal Nigam (Source: Social Media)

देहरादून: उत्तराखंड में सरकारी भर्तियों में हुए फर्जीवाड़े ने राज्य सरकार की खूब फजीहत कराई। नियुक्तियों में धांधली की खबरें आने के बाद कार्रवाई भी हो रही है।

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एक ऐसा ही मामला जल निगम में भी सामने आया है। 18 साल पहले यहां 12 से ज्यादा इंजीनियरों की भर्ती की गई थी। ये सभी साल दर साल प्रमोशन पाकर ऊंचे पदों पर पहुंचते रहे। अब 18 साल बाद कहीं जाकर सरकार की नींद खुली है। शासन ने माना है कि इनकी नियुक्ति गलत तरीके से हुई। जिसके बाद जल निगम के 12 से अधिक इंजीनियरों की नौकरी पर खतरा मंडराने लगा है। दरअसल साल 2005 व बाद के सालों में असिस्टेंट इंजीनियर और जूनियर इंजीनियर के आरक्षित पदों पर यूपी-बिहार व दिल्ली के युवाओं को नौकरी दे दी गई थी। अब शासन ने नियुक्तियों को गलत मानते हुए एमडी जल निगम को अपने स्तर पर कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। साल 2005 और 2007 में जल निगम में पंजाब यूनिवर्सिटी से असिस्टेंट इंजीनियर और जूनियर इंजीनियर के पद पर भर्ती कराई गई थी। लिखित परीक्षा के परिणाम आने के बाद जल निगम के चयन समिति ने आंख बंद कर युवाओं को तैनाती दे दी।

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महिला व अन्य श्रेणी के आरक्षित पदों पर दिल्ली, यूपी और बिहार के लोग नियुक्ति पा गए। अब जिन इंजीनियरों पर कार्रवाई की तलवार लटकी हुई है, वह पिछले 18 सालों में प्रमोशन पर प्रमोशन पाते गए। कई सहायक अभियंता से अधिशासी अभियंता और कई अधिशासी अभियंता से अधीक्षण अभियंता के पद पर पहुंच गए। अब इनकी नौकरी जाने वाली है। साल 2019 में इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। जिसके बाद शासन ने जांच बैठाई। जांच के नाम पर 3 साल ऐसे ही गुजर गए। अब कहीं जाकर सचिव पेयजल ने जांच रिपोर्ट, न्याय कार्मिक विभाग की राय एवं नियमावली के प्रावधानों को आधार बनाते हुए जल निगम के प्रबंध निदेशक एमडी उदयराज को कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। एमडी उदयराज ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने बताया कि विधिवत प्रक्रिया के तहत कार्यवाही को आगे बढ़ाया जाएगा।